कंगाली की कगार पर पाकिस्तान, पाक वित्त मंत्री ने माना स्थिति बेहद खराब, बेरोजगारी अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंची

कंगाली की कगार पर पाकिस्तान, पाक वित्त मंत्री ने माना स्थिति बेहद खराब, बेरोजगारी अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंची

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  • Publish Date - April 4, 2019 / 09:09 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:20 PM IST

नई दिल्ली । पाकिस्तान में महंगाई की दर बढ़ती चली जा रही है। मार्च 2019 में ये दर पांच वर्ष के उच्चतम स्तर 9.41 फीसदी पर पहुंच गई है। पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो की ओर से सोमवार को बयान जारी कर कहा गया है कि महंगाई बढ़ने से गरीबी रेखा में रहने वालों की संख्या में 40 लाख का और इजाफा हो जाएगा। महंगाई दर ऊंची होने के साथ ही पाक के वित्त मंत्री असद अमर ने कहा है कि पाकिस्तान का मूल्य ऋण इतनी खतरनाक ऊंचाई पर पहुंच चुका है कि देश दिवालिया होने के कगार के निकट आ गया है। सोशल मीडिया के साथ पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को लेकर किए सवाल जवाब के एक क्रम में उमर ने बुधवार को कहा, ‘आप इतने भारी ऋण के बोझ के साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास जा रहे हैं। हमें भारी अंतर को पाटना है। उन्होंने कहा, अगर पीएमएलएन समय के नंबर को देखें तो मंहगाई दहाई अंक में थी, हम शुक्रगुजार हैं कि अभी यह उस स्तर को नहीं छू पाई है।

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पाक वित्त मंत्री ने कहा कि इस साल दस लाख लोग और बेरोजगार हो जाएंगे। इससे पहले 2014 में ये दर 9.2 फीसदी थी। बीते महीने के मुकाबले ये महंगाई 1.42 फीसदी बढ़ गई है। आर्थिक विकास की गति तीन फीसदी नीचे रहने से देश मुद्रास्फीति जनित मंदी के जाल में फंस सकता है। ऐसा होने पर वस्तुओं और सेवाओं के दाम में बढ़ोत्तरी होती है। ऐसे में आर्थिक विकास की गति मंद पड़ जाती है।

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जानकारी के मुताबिक वित्त मंत्री ने कहा कि पूर्व की भांति मंहगाई अभी दहाई अंक नहीं छू पाई है। उन्होंने कहा, ‘पहले देखें तो मंहगाई ने समाज के हर तबके को समान रूप से प्रभावित किया। यह सही है कि मंहगाई ने गरीबों पर अधिक असर डाला, हमारे शासन में यह स्थिति भिन्न है, उच्च आय वर्ग की तुलना में गरीब पर महंगाई का अपेक्षाकृत कम प्रभाव हुआ है।’

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उमर ने माना पाकिस्तान में अर्थव्यवस्था में भारी मंदी है जिसकी वजह से रोजगार की दर धीमी है। उन्होंने कहा, ‘आप कह रहे हैं मेरी सारी पॉलिसी इशाक डार की तरह ही हैं, इशाक डार का कहना है कि मैंने अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। उनके कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार निर्यात नहीं बढ़ा है। डॉलर मजबूत हुआ पहले की आर्थिक नीतियों की वजह से और इस कारण एक देश के नाते हमें इतना अधिक नुकसान हुआ। यह मांग और आपूर्ति का मूल्य है’।