पाकिस्तान ने भारत पर सिंधु जल संधि को कमजोर करने के प्रयास का आरोप लगाया

पाकिस्तान ने भारत पर सिंधु जल संधि को कमजोर करने के प्रयास का आरोप लगाया

पाकिस्तान ने भारत पर सिंधु जल संधि को कमजोर करने के प्रयास का आरोप लगाया
Modified Date: December 19, 2025 / 03:51 pm IST
Published Date: December 19, 2025 3:51 pm IST

इस्लामाबाद, 19 दिसंबर (भाषा) पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इसहाक डार ने शुक्रवार को कहा कि भारत सिंधु जल संधि को लगातार कमजोर कर रहा है और इस तरह का उल्लंघन समझौते के मूल सिद्धांतों पर प्रहार है।

डार पाकिस्तान के विदेश मंत्री भी हैं। वह पाकिस्तान द्वारा चिनाब नदी के प्रवाह में बदलाव के संबंध में भारत से स्पष्टीकरण मांगे जाने के एक दिन बाद मीडिया से बात कर रहे थे।

उन्होंने कहा, “हमने इस वर्ष अप्रैल में भारत की ओर से सिंधु जल संधि से एकतरफा रूप से हटने की कार्रवाई देखी… लेकिन अब हम भारत द्वारा किए जा रहे ऐसे गंभीर उल्लंघन देख रहे हैं, जो सिंधु जल संधि के मूल सिद्धांतों पर प्रहार करते हैं और क्षेत्रीय स्थिरता एवं अंतरराष्ट्रीय कानून की पवित्रता दोनों के लिए गंभीर परिणाम वाले हैं।”

 ⁠

इस साल 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के एक दिन बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई दंडात्मक उपाय किए, जिनमें 1960 की सिंधु जल संधि को ‘‘स्थगित’’ करना भी शामिल था।

विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई यह संधि 1960 से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के पानी के वितरण और उपयोग को नियंत्रित करती रही है।

डार ने यह भी उल्लेख किया कि ‘‘भारत द्वारा किए जा रहे पानी के हेरफेर’’ की वजह से पाकिस्तान के सिंधु आयुक्त को अपने भारतीय समकक्ष को इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगने के लिए पत्र लिखना पड़ा है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कृषि चक्र के महत्वपूर्ण समय में सिंधु बेसिन के जल का हेरफेर पाकिस्तान में जीवन और आजीविका के लिए सीधा खतरा है।

मंत्री ने कहा कि भारत ने संधि के तहत अपेक्षित सूचना, जल विज्ञान संबंधी डेटा साझा करना और संयुक्त निगरानी बंद कर दी है, जिसके कारण पाकिस्तान बाढ़ और सूखे के खतरे में आ गया है।

उन्होंने कहा कि पानी की आपूर्ति रोकना युद्ध का कृत्य माना जाएगा।

भाषा

नेत्रपाल दिलीप

दिलीप


लेखक के बारे में