पाकिस्तान में अदालत के मामलों की रिपोर्टिंग पर रोक को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई

पाकिस्तान में अदालत के मामलों की रिपोर्टिंग पर रोक को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई

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  • Publish Date - May 23, 2024 / 08:16 PM IST,
    Updated On - May 23, 2024 / 08:16 PM IST

(एम. जुल्करनैन)

लाहौर, 23 मई (भाषा) पाकिस्तान में मीडिया निगरानी संस्था की ओर से अदालत में चल रहे मामलों की रिपोर्टिंग पर लगाई गई रोक को बृहस्पतिवार को लाहौर उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई।

पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (पीईएमआरए) ने 21 मई को समाचार चैनलों को अदालत में चल रहे मामलों की कार्यवाही की खबरें, विचार, टिप्पणी प्रसारित करने से प्रतिबंधित कर दिया था।

यह प्रतिबंध न्यायिक मामलों में खुफिया एजेंसियों के हस्तक्षेप और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से संबंधित मामलों में न्यायाधीशों की ‘प्रतिकूल टिप्पणियों’ के प्रसारण को रोकने के लिए लगाया गया है।

न्यायिक मामलों में खुफिया एजेंसियों के कथित हस्तक्षेप को लेकर सेना समर्थित शहबाज शरीफ की सरकार और इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के बीच तनाव बढ़ रहा है। न्यायाधीशों ने सरकार पर पूर्व ने उन पर खासतौर पर इमरान खान और उनकी पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेताओं से संबंधित विभिन्न मामलों में वांछित फैसले प्राप्त करने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया।

पीईएमआरए अधिसूचना उस दिन जारी की गई थी जब इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने कश्मीरी शायर अहमद फरहाद के कथित अपहरण मामले में देश की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) से सवाल पूछे थे।

वकील समरा मलिक ने बृहस्पतिवार को पीईएमआरए की अधिसूचना को लाहौर उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए इसे ‘अवैध और संविधान के अनुच्छेद-19 और 19-ए का उल्लंघन’ बताया।

उन्होंने अदालत से मीडिया नियामक की ‘अवैध’ अधिसूचना को अमान्य घोषित करने और याचिका पर अंतिम निर्णय होने तक अधिसूचना को निलंबित करने का अनुरोध किया।

भाषा

नोमान माधव

माधव