अतीत के कटु अनुभवों के चलते पाकिस्तान ने टीटीपी के वार्ता प्रस्ताव को ठुकराया: रिपोर्ट
अतीत के कटु अनुभवों के चलते पाकिस्तान ने टीटीपी के वार्ता प्रस्ताव को ठुकराया: रिपोर्ट
इस्लामाबाद, छह जून (भाषा) पाकिस्तान के अधिकारियों ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के पुन: वार्ता शुरू करने संबंधी प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा कि अतीत के कटु अनुभवों को देखते हुए यह फैसला किया गया है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने सूत्रों के हवाले से कहा कि टीटीपी ने विभिन्न व्यक्तिगत संपर्कों के माध्यम से हाल के दिनों में वार्ता में फिर से शामिल होने की इच्छा व्यक्त की, लेकिन सरकार ने प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और इसकी जगह आतंकवादियों से आत्मसमर्पण करने का आग्रह किया।
सरकार ने पिछले साल अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के आग्रह पर प्रतिबंधित टीटीपी समूह के साथ बातचीत की थी।
यह संगठन पूरे पाकिस्तान में शरिया शासन लागू कराना चाहता है।
दोनों पक्षों ने बातचीत में संघर्षविराम की भी घोषणा की थी, लेकिन टीटीपी ने पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख के रूप में जनरल असीम मुनीर की नियुक्ति से कुछ दिन पहले पिछले साल नवंबर में एकतरफा रूप से संघर्षविराम को समाप्त कर दिया था।
टीटीपी ने बाद में खैबर-पख्तूनख्वा के दक्षिणी जिलों पर विशेष जोर देने के साथ पुलिस, सुरक्षाकर्मियों और सरकारी प्रतिष्ठानों पर हमले बढ़ा दिए।
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले दौर की वार्ता के दौरान अफगानिस्तान के कार्यवाहक गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी मध्यस्थ थे, हालांकि, उस चर्चा में उन्होंने ‘गारंटर’ की भूमिका नहीं निभाई।
वरिष्ठ अधिकारी ने अखबार से कहा, ‘‘हमें ठोस गारंटी चाहिए। ठोस ‘गारंटर’ के बिना बातचीत निरर्थक होगी। इसलिए जब यह पेशकश की गई तो इसे सिरे से खारिज कर दिया गया।’’
अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस्लामी आतंकवादी समूह को स्पष्ट कर दिया है कि आत्मसमर्पण करने के इच्छुक व्यक्तियों का स्वागत है।
भाषा नेत्रपाल अविनाश
अविनाश

Facebook



