रूस, चीन ने नाटो सैन्य गठबंधन की आलोचना की

रूस, चीन ने नाटो सैन्य गठबंधन की आलोचना की

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  • Publish Date - June 30, 2022 / 06:23 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:40 PM IST

मैड्रिड, 30 जून (एपी) उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के रूस को ‘‘प्रत्यक्ष खतरा’’ और चीन को वैश्विक स्थिरता के लिए ‘‘गंभीर चुनौती’’ घोषित किये जाने के बाद उसे बृहस्पतिवार को दोनों देशों ने आड़े हाथों लिया।

पश्चिमी सैन्य गठबंधन ने मैड्रिड में एक शिखर सम्मेलन के समापन के दौरान एक सख्त चेतावनी जारी की थी कि साइबर हमले से लेकर जलवायु परिवर्तन तक, दुनिया बड़ी शक्ति प्रतिस्पर्धा और असंख्य खतरों के एक खतरनाक चरण में घिर गई है।

नाटो नेताओं ने तुर्की की आपत्तियों को दूर करने के बाद फिनलैंड और स्वीडन को औपचारिक तौर पर गठबंधन से जुड़ने का न्योता दिया।

यदि नॉर्डिक राष्ट्रों से संबंध को 30 सदस्य देशों द्वारा अनुमोदित किया जाता है, तो यह नाटो को रूस के साथ 800 मील की एक नई सीमा प्रदान करेगा।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दी कि अगर नॉर्डिक जोड़ी (फिनलैंड व स्वीडन) ने नाटो सैनिकों और सैन्य बुनियादी ढांचे को अपने क्षेत्र में अनुमति दी तो वह उसी तरह से इसका जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि रूस को ‘‘उस क्षेत्र के लिए वही खतरे पैदा करने होंगे जहां से हमारे खिलाफ खतरे पैदा होते हैं।’’

एस्टोनियाई प्रधानमंत्री काजा कैलास ने कहा कि पुतिन की धमकी “कोई नई बात नहीं है।” कैलास ने शिखर सम्मेलन के केंद्र स्थल पर पहुंचने पर कहा, “बेशक, हमें पुतिन से किसी तरह के आश्चर्य की उम्मीद करनी होगी, लेकिन मुझे संदेह है कि वह सीधे स्वीडन या फ़िनलैंड पर हमला कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “हम निश्चित रूप से साइबर हमले देखेंगे। हम हाइब्रिड हमले देखेंगे, सूचना युद्ध चल रहा है। लेकिन पारंपरिक युद्ध नहीं।”

चीन ने गठबंधन पर देश पर “दुर्भावनापूर्ण हमले और धब्बा लगाने” का आरोप लगाया। यूरोपीय संघ के लिए उसके मिशन ने कहा कि नाटो “दावा करता है कि अन्य देश चुनौतियों खड़ी करते हैं, लेकिन यह नाटो है जो दुनिया भर में समस्याएं पैदा कर रहा है।”

नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने कहा, “साझा चुनौतियों से मिलकर लड़ने के लिए दक्षिण में अपने करीबी सहयोगियों के साथ काम करना जारी रखना हमारे हित में है।”

शिखर सम्मेलन के दौरान चर्चा रूस के इर्दगिर्द घूमती दिखी। स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण “शीत युद्ध की समाप्ति के बाद से हमारी सामूहिक रक्षा का सबसे बड़ा बदलाव” लाया है। उन्होंने कहा कि आक्रमण ने यूरोप की शांति को भंग कर दिया, और जवाब में नाटो ने पूर्वी यूरोप में सैनिकों और हथियारों का इस पैमाने पर जमावड़ा किया जो पूर्व में दशकों तक नहीं देखा गया।

सदस्य देशों ने अपने प्रतिरोध को मजबूत करने के लिए यूक्रेन को अरबों की सैन्य और नागरिक सहायता उपलब्ध कराई है।

वीडियो लिंक द्वारा शिखर सम्मेलन को संबोधित करने वाले यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने और अधिक मदद की मांग की। उन्होंने नाटो से आधुनिक तोपखाने प्रणाली और अन्य हथियार भेजने का आग्रह किया और नेताओं को चेतावनी दी कि उन्हें या तो कीव को आवश्यक सहायता प्रदान करनी होगी या “रूस और आपके बीच विलंबित युद्ध का सामना करना पड़ेगा।”

उन्होंने कहा, “सवाल यह है कि अगला कौन है? मोल्डोवा? या बाल्टिक? या पोलैंड? जवाब है : वह सभी।”

शिखर सम्मेलन में, नाटो नेताओं ने गठबंधन के पूर्वी हिस्से में सैन्य बल को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की, जहां रोमानिया से लेकर बाल्टिक तक के देश रूस की भविष्य की योजनाओं को लेकर चिंतित हैं।

एपी प्रशांत अमित

अमित