(के जे एम वर्मा)
बीजिंग, 16 सितंबर (भाषा) शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से पहले, चीन ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह समूह के सदस्य देशों के साथ संवाद एवं करीबी समन्वय करने और अफगानिस्तान पर संयुक्त रूप से काम करने के लिए तैयार है, ताकि तालिबान के नियंत्रण वाले देश में एक खुला व समावेशी राजनीतिक ढांचा बनाया जा सके।
चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिजिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान की सदस्यता वाले आठ सदस्यीय एससीओ का, ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में शुक्रवार को 21 वां शिखर सम्मेलन आयोजित होगा। अफगानिस्तान, एससीओ में एक पर्यवेक्षक है। उसके अलावा, ईरान, मंगोलिया और बेलारूस को भी समूह में पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है।
एससीओ और रूस व मध्य एशियाई देशों के सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) की अफगानिस्तान पर एक संयुक्त शिखर बैठक होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ वीडियो लिंक के जरिए सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
अफगानिस्तान में एससीओ और सीएसटीओ सम्मेलनों के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अफगानिस्तान में स्थिति का क्षेत्रीय सुरक्षा एवं स्थिरता पर असर पड़ेगा।
उन्होंने कहा , ‘‘एससीओ और सीएसटीओ के सदस्य अफगानिस्तान के करीबी पड़ोसी हैं तथा वे अफगानिस्तान में शांति, पुन:निर्माण व सुलह प्रक्रिया का सक्रियता से समर्थन करते हैं। ’’
उन्होंने कहा कि एससीओ शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति शी अन्य देशों के नेताओं के साथ समूह की सफलता की समीक्षा करेंगे, बड़े क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान करेंगे और कई नये अहम सहयोग दस्तावेजों को मंजूरी देंगे।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान दुशांबे में 20 वें एससीओ राष्ट्राध्यक्ष शिखर सम्मेलन में शरीक होने के लिए ताजिकिस्तान का दो दिवसीय दौरा करेंगे।
भाषा
सुभाष मनीषा
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