गहराने वाला है रचनात्मकता का संकट

गहराने वाला है रचनात्मकता का संकट

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  • Publish Date - March 28, 2024 / 02:14 PM IST,
    Updated On - March 28, 2024 / 02:14 PM IST

ओलिवर ब्राउन, यूएनएसडब्ल्यू

सिडनी, 28 मार्च (360इन्फो) जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस अपने स्रोत को श्रेय देना पसंद नहीं करती। कलाकारों के लिए यही समस्या है।

कुछ ही सालों के भीतर जनरेटिव एआई अचानक से एक नए प्रकार के रचनात्मक उपकरण के तौर पर क्रांतिकारी रूप में सामने आयी है।

केवल शब्दों के जरिए थोड़ी सी व्याख्या करने मात्र से अब कोई भी रचना तैयार की जा सकती है । अगर लोग इस क्रांति की तुलना फोटोग्राफी, फोनोग्राफ, सिंथेसाइजर या इंटरनेट से कर रहे हैं तो वे कहीं भी गलत नहीं हैं।

पूर्व की रचनात्मक तकनीकों की तरह ही एआई मौजूदा रचनात्मक प्रक्रियाओं को बाधित कर रही है। लेकिन पारंपरिक रचनात्मक विधियों से मुकाबला करने से कहीं अधिक जनरेटिव एआई टूल्स उन पिछले रचनात्मक कार्यों, कलाकारों के श्रम और उनकी रचनात्मकता का भी शोषण कर रहे हैं जिनका इस्तेमाल कर जनरेटिव एआई को प्रशिक्षण प्रदान किया गया था।

इसलिए इस मुद्दे पर तीखी बहस शुरू हो गई है कि जनरेटिव एआई को प्रशिक्षित करने के लिए इस्तेमाल की गई सामग्री से जुड़े अधिकारों से किस प्रकार निपटा जाना चाहिए।

उभरते हुए एआई दिग्गज, ओपनएआई और स्टेबिलिटीएआई समेत एक खेमे का तर्क है कि जेनरेटिव एआई मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए दुनिया के रचनात्मक संग्रह का इस्तेमाल ‘उचित उपयोग’ है। उनका कहना है कि क्या ये एआई मॉडल आख़िरकार उन लोगों की तरह नहीं हैं जो इतिहास और अपने आस-पास की दुनिया से कला और सौंदर्यशास्त्र के बारे में सीखते हैं?

इस मुद्दे में हिस्सेदारी रखने वाले अन्य लोग कलाकार और अन्य कॉपीराइट धारक हैं। भले ही वे दार्शनिक रूप से इस दृष्टिकोण की सराहना कर सकते हैं (और कई नहीं करते हैं), फिर भी वे इस बात को समझते हैं कि एआई प्रशिक्षण डेटा के रूप में उनके रचनात्मक कार्यों के उपयोग से इनकार करने के उनके मौजूदा बौद्धिक संपदा अधिकार को शामिल किया जाना चाहिए। उनके विचार में, कंपनियों को उनकी अनुमति लेने की जरूरत है।

रचनात्मक उद्योग के लिए स्थिति एक वास्तविक संकट है। रचनात्मक प्रक्रिया से जुड़े विभिन्न पहलू कॉपीराइट अधिकार के दायरे में आते हैं लेकिन जब जनरेटिव एआई कोई रचना तैयार करती है तो इसके लिए कोई स्पष्ट नियम नहीं है कि वह अपने स्रोत को इसका श्रेय दे । इसका एक विकल्प है कि डाटा के लिए एक तय फीस का भुगतान किया जाए।

लेकिन यहां भी सवाल पैदा होता है कि क्या आप अपनी संगीत रचना या तैल चित्र के लिए एक अमरीकी डालर का एक अंश स्वीकार करेंगे जिसका उपयोग किसी ऐसे उत्पाद में किया जाएगा जो बिना क्रेडिट के आपकी रचनात्मक शैली की अंतहीन नकल तैयार कर सकता है?

यही कारण है कि अब बहुत से लोग एआई द्वारा तैयार रचनाओं के लिए श्रेय दिए जाने के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

(360इन्फो डॉट ओआरजी) नरेश मनीषा

मनीषा