संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने हूती विद्रोहियों से संरा के सभी बंदियों को रिहा करने का आह्वान किया
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने हूती विद्रोहियों से संरा के सभी बंदियों को रिहा करने का आह्वान किया
संयुक्त राष्ट्र, 10 दिसंबर (एपी) संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने यमन के हूती विद्रोहियों से मंगलवार को अपील की कि वे संयुक्त राष्ट्र, विदेशी एजेंसियों एवं मिशनों के बंदी बनाए गए कर्मियों को तुरंत रिहा करने के लिए ‘‘सद्भावनापूर्वक’’ कदम उठाएं और उनके खिलाफ मुकदमा नहीं चलाएं।
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने संयुक्त राष्ट्र कर्मियों के मामलों को हूतियों की विशेष आपराधिक अदालत में भेजे जाने की निंदा की और उन्हें बंदी बनाए जाने को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया।
उन्होंने कहा कि ईरान समर्थित हूतियों ने वर्तमान में 59 संयुक्त राष्ट्र कर्मियों को बंदी बना रखा है। वे सभी यमनी नागरिक हैं। उसने इसके अलावा गैर-सरकारी संगठनों, नागरिक समाज और राजनयिक मिशनों के दर्जनों लोगों को भी बंदी बनाया है।
उन्होंने बताया कि इनमें से कई मामलों को यमन की राजधानी सना स्थित आपराधिक अदालत में भेज दिया गया है। दुजारिक ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अदालत में कुछ प्रक्रियाएं जारी हैं और यह सब हमारे लिए बेहद चिंताजनक है।’’
अदालत ने नवंबर के अंत में 17 लोगों को विदेशी सरकारों के लिए जासूसी करने का दोषी ठहराया था। यह कदम विदेशी संगठनों के लिए काम करने वाले यमन के कर्मियों पर वर्षों से जारी हूती कार्रवाई का हिस्सा है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि अदालत में भेजे गए लोगों में से उनके कार्यालय का भी एक कर्मी भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि नवंबर 2021 से हिरासत में लिए गए उनके सहकर्मी को ‘‘उनके काम से जुड़ी जासूसी के मनगढ़ंत आरोपों’’ में ‘‘तथाकथित’’ अदालत में पेश किया गया था।
तुर्क ने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और एक गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन है।’’
भाषा सिम्मी गोला
गोला

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