हम भी ‘एक पेड़ मां के नाम’ जैसी पहल पर विचार कर सकते हैं: स्लोवाकिया के राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी

हम भी ‘एक पेड़ मां के नाम’ जैसी पहल पर विचार कर सकते हैं: स्लोवाकिया के राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी

हम भी ‘एक पेड़ मां के नाम’ जैसी पहल पर विचार कर सकते हैं: स्लोवाकिया के राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी
Modified Date: April 11, 2025 / 11:55 am IST
Published Date: April 11, 2025 11:55 am IST

(अभिषेक शुक्ला)

ब्रातिस्लावा, 11 अप्रैल (भाषा) स्लोवाकिया के राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की सराहना करते हुए कहा कि उनका देश भी ऐसी पहल पर विचार कर सकता है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्लोवाकिया की अपनी दो दिवसीय राजकीय यात्रा के अंतिम दिन बृहस्पतिवार को नित्रा में एक पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान पेलेग्रिनी को इस अभियान के बारे में बताया।

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नित्रा स्लोवाकिया का सबसे पुराना शहर और ‘‘सभी शहरों की जननी’’ माना जाता है। ब्रातिस्लावा से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित इस शहर में ‘टाटा मोटर्स जेएलआर संयंत्र’ है जो स्लोवाकिया में किसी भारतीय कंपनी द्वारा किया गया सबसे बड़ा निवेश है।

दोनों देशों के राष्ट्रपतियों ने संयंत्र का दौरा करने के बाद एक सार्वजनिक उद्यान में स्लोवाक गणराज्य के राष्ट्रीय वृक्ष लिंडेन का पौधा लगाया। नित्रा शहर के मेयर मारेक हट्टास भी उनके साथ मौजूद थे।

इस दौरान मुर्मू ने प्रधानमंत्री मोदी की ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल का जिक्र किया।

विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने कहा, ‘‘उन्होंने (मुर्मू ने) स्लोवाक गणराज्य के राष्ट्रपति को इस पहल के बारे में बताया जिसके बाद उन्होंने (पेलेग्रिनी ने) कहा कि … उन्हें यह बहुत दिलचस्प लगा। उन्होंने कहा कि स्लोवाकिया भी इस तरह की पहल करने पर विचार कर सकता है।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल विश्व पर्यावरण दिवस पर लोगों से अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाने की अपील की थी और नयी दिल्ली के एक उद्यान में पीपल का पेड़ लगाया था।

राष्ट्रपति मुर्मू ने बाद में एक कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की और उनसे देश का ‘ब्रांड एंबेसडर’ बनने के लिए कहा।

उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में यहां भारतीय समुदाय की संख्या चार गुना बढ़ गई है।

मुर्मू ने कहा कि बुनियादी ढांचा विकास संबंधी भारत की रणनीति का मूल है तथा गति शक्ति, भारतमाला, सागरमाला और ‘स्मार्ट सिटी’ जैसी परिवर्तनकारी पहलों के माध्यम से प्रगति की जा रही है।

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत पहल आयात निर्भरता को कम करके और नवोन्मेष को बढ़ावा देकर भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र में बदल रही है।

मुर्मू ने कहा, ‘‘हमारे युवाओं ने भारत को दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ‘स्टार्टअप’ केंद्र बना दिया है और भारत अब ई-कॉमर्स, एआई और कई अन्य क्षेत्रों के लिए एक वैश्विक केंद्र बन गया है।’’

भाषा सिम्मी मनीषा

मनीषा


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