फ्लैशबैक : कई मामलों में भारतीय स्पोर्ट्स के लिए वर्ष 2018 रहा शानदार, देखिए

फ्लैशबैक : कई मामलों में भारतीय स्पोर्ट्स के लिए वर्ष 2018 रहा शानदार, देखिए

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  • Publish Date - December 29, 2018 / 11:27 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:29 AM IST

रायपुर। भारतीय स्पोर्ट्स के लिए 2018 कई मामलों में शानदार रहा। जहां कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में हमारे एथलीट्स ने रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया तो वहीं महिला बॉक्सर एमएसी मेरी कॉम ने 35 वर्ष की उम्र में विश्व चैंपियन बनकर दिखा दिया कि भारतीय मुक्कों में कितना दम है ।

ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का सफर शानदार रहा। भारत ने इन खेलों में 26 गोल्ड मेडल समेत कुल 66 पदक जीते। 2014 ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेस्म में जीते 64 पदकों से इस बार भारतीय दल का प्रदर्शन बेहतर कहा जा सकता है। हालांकि, गोल्ड कोस्ट में भारतीय दल ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बाद तीसरे पायदान पर रहा।

फीफा टूर्नामेंट शुरू होने से पहले जहां लोग लियोनेल मेसी की कप्तानी वाल अर्जेंटीना को खिताब का दोवदार बता रहे थे तो कुछ का कहना था कि क्रिस्टियानो रोनाल्डो पुर्तगाल टीम को खिताब तक ले जाएंगे। लेकिन, कुछ ही मैचों में यह साबित हो गया कि ऐसा कुछ नहीं होने वाला है। जहां हेरी केन की कप्तानी वाली इंग्लिश टीम सरप्राइज पैकेज रही तो मेसी का पेनाल्टी चूकना दुनियाभर के फुटबॉल फैन्स को नागवार गुजरा। कुछ ऐसी ही हालत नेमार के ब्राजील टीम की भी रही। फ्रांस और क्रोएशिया की टीम फाइनल में पहुंच गई। जहां फ्रांस ने अंडरडॉग क्रोएशिया को 4-2 से हराकर फीफा विश्व कप 2018 का खिताब जीता। उसने 1998 के बाद दूसरी बार खिताब अपने नाम किया।

18वें एशियाई खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने 1951 के ‘गोल्डन शो’ को फिर से दोहराया। उसने एशियाई खेलों के इतिहास में सबसे अधिक पदक अपने नाम किए। भारत एथलीटों ने 15 स्वर्ण, 24 सिल्वर और 30 ब्रॉन्ज के साथ 69 पदक जीते। भारत के लिए यह राहत की बात थी, क्योंकि इंचियोन में हुए इन खेलों के 17वें संस्करण की तालिका में वह 8वें पायदान पर रहा था, लेकिन 11 गोल्ड जीते थे। इस बार गोल्ड की संख्या 15 थी और वह 8वें नंबर पर ही रहा।

एशियन चैंपियंस ट्रोफी का खिताब भारत को चिर-प्रतिद्वंद्वी टीम पाकिस्तान से साझा करना पड़ा, क्योंकि खिताबी मुकाबला बारिश की वजह से रद्द कर दिया गया था। इस तरह महामुकाबले की जगह दोनों टीमों को संयुक्त विजेता बनकर संतोष करना पड़ा। इससे पहले दोनों  टीमें यह खिताब 2-2 बार अपने नाम कर चुकी थीं। भारत ने यह खिताब साल 2011 और 2016 में अपने नाम किया था वहीं पाकिस्तान ने लगातार दो बार 2012 और 2013 में जीता था।

सुपरमॉम एमसी मेरीकॉम ने 35 वर्ष की उम्र में वर्ल्ड चैंपियनशिप में खिताबी सिक्सर लगाते हुए इतिहास रच दिया। दिल्ली के केडी जाधव हॉल में हुई 48kg कैटिगरी के फाइनल फाइट में उन्होंने खुद से 13 वर्ष छोटी यूक्रेन की हन्ना ओकोता को 5-0 से हराया और रिकॉर्ड छठी बार महिला विश्व कप का खिताब जीतने का गौरव हासिल किया। मेरी कॉम इस जीत के बाद भावुक हो गईं। तिरंगा लहराते समय उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। यह जीत के उनके खेल के प्रति समर्पण को दर्शाती है। 6 विश्व चैंपियनशिप जीतने वाली मेरी कॉम दुनिया की पहली महिला बॉक्सर बनीं।

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भुवनेश्वर में हुए हॉकी वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को 5-0 से हराकर जोरदार आगाज किया, लेकिन क्वॉर्टर फाइनल में हार मिली। इसके साथ ही  उसका स्वर्णिम सपना चकनाचूर हो गया। उसे 3 बार की चैंपियन नीदरलैंड्स ने 2-1 से हराया। भारतीय टीम यहां छठे नंबर पर रही। हालांकि, उसका यह प्रदर्शन संतोष जनक कहा जा सकता है, क्योंकि 2014 में वह 9वें और 2010 में 8वें स्थान पर रही थी।

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बैडमिंटन में साल के आखिर में स्टार शटलर पीवी सिंधु खुशियां लेकर आईं। उन्होंने वर्ल्ड टूर फाइनल्स का खिताब अपने नाम करते हुए इतिहास रच दिया। ऐसा करने करने वाली वह पहली भारतीय शटलर बनीं। ओलिंपिक मेडल विनर ने जापान की नोजोमी ओकुहारा जैसी खिलाड़ी को फाइनल में हराया तो उससे पहले उन्होंने थाइलैंड की रतचानोक इंतानोन को धूल चटाई। यह उनका 14वां करियर खिताब रहा।

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