मुंह से लिखकर पास की नीट परीक्षा, दोनों हाथ न होने का हवाला देकर मेडिकल बोर्ड ने इंटरव्यू में किया रिजेक्ट

मुंह से लिखकर पास की नीट परीक्षा, दोनों हाथ न होने का हवाला देकर मेडिकल बोर्ड ने इंटरव्यू में किया रिजेक्ट

मुंह से लिखकर पास की नीट परीक्षा, दोनों हाथ न होने का हवाला देकर मेडिकल बोर्ड ने इंटरव्यू में किया रिजेक्ट
Modified Date: November 29, 2022 / 08:31 pm IST
Published Date: October 8, 2019 12:41 pm IST

नईदिल्ली। एक युवक के बचपन में करंट लगने से रजत के दोनों हाथ झुलस गए जिसके बाद उसके दोनों हाथ काटने पड़े। फिर भी रजत ने हौंसला नहीं छोड़ा, सभी मुसीबतों को पीछे छोड़ते हुए पढ़ाई की और डॉक्टर बनने के लिए नीट की परीक्षा पास की। रजत को मेडिकल क़ॉलेज में सीट भी मिल गई थी, लेकिन मेडिकल बोर्ड ने उसे अनफिट करार दे दिया। जिसके बाद दिव्यांग युवक के सपने चकनाचूर हो गए।

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जानकारी के अनुसार, हिमाचल प्रदेश मंडी जिला के उपमंडल सुंदरनगर में डूगराई पंचायत के रड़ू गांव के जयराम के पुत्र रजत के साथ बचपन में एक हादसा हुआ। करंट लगने से दोनों हॉथ काट दिए गए। बचपन से पढ़ाई का शौक रखने वाले रजत ने हादसे के बाद मुंह से लिखना शुरू कर दिया। युवक ने पहले मैट्रिक और फिर मेडिकल में जमा दो की परीक्षा अच्छे नंबरों से पास की। ये सब परीक्षाएं अपने मुंह में पैन पकड़कर पास की।

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इसके बाद उसने ऑल इंडिया स्तर का नीट की परीक्षा पास की। इसे पास करने के बाद उसे मंडी के नेरचौक मेडिकल कालेज में सीट मिली। परिवार इस बात को लेकर खुश था कि उनका दिव्यांग बेटा डॉक्टर बनेगा, मगर उनके सपने तब टूट गए जब नेरचौक मेडिकल कालेज ने दिव्यांग रजत को इंटरव्यू के बाद मेडिकल में फिजिकल अनफिट का हवाला देकर रिजेक्ट कर दिया।

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मेडिकल बोर्ड के अनुसार, यह डॉक्टरी प्रक्रिया के दौरान न कोई दवाई लिख सकता है, ना ही चिकित्सा के औजार चला सकता है। ऐसे में वह मानदंड़ों के अनुसार, शारीरिक तौर पर अनफिट है और डॉक्टर की पढ़ाई नहीं कर पाएगा। इसके बाद परिवार सकते में है। रजत अब खुद को व्यवस्था के आगे हारा समझ रहा है। उसने मेडिकल की पढ़ाई छोड़ अब मंडी कालेज में आर्टस की पढ़ाई शुरू कर दी है

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com