सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए UGC ने की बड़ी घोषणा, अब अपनी मातृभाषा में भी दे सकेंगे ये एग्जाम

UGC announced to conduct examinations in local languages यूजीसी के इस फैसले के बाद छात्र लोकल भाषा के साथ जिस भाषा में उन्हें पढ़ाया जाएगा।

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  • Publish Date - April 19, 2023 / 03:44 PM IST,
    Updated On - April 19, 2023 / 03:44 PM IST

UGC announced to conduct examinations in local languages: सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे करोड़ों युवाओं के लिए अच्छी खबर है। अब क्षेत्रीय भाषाओं के छात्रों को पढाई करने में दिक्कत नहीं होगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अंग्रेजी के अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाई के साथ ही उसी भाषा में परीक्षा कराने को मंजूरी दे दी है। यूजीसी के इस फैसले के बाद छात्र लोकल भाषा के साथ जिस भाषा में उन्हें पढ़ाया जाएगा। वे उसी भाषा में परीक्षा दे सकेंगे। यूजीसी का इस फैसले को लेकर कहना है कि इससे छात्राओं परफार्मेंस में सुधार होगा।

इन क्षेत्रीय भाषाओं को दी गई मंजूरी

दरअसल, केंद्र सरकार संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध सभी भाषाओं को शामिल करने के प्रयास में निरंतर लगी हुई है। इसी क्रम में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने ‘कर्मचारी चयन आयोग मल्टीटास्किंग स्टाफ’ परीक्षा और परीक्षा हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित करने को मंजूरी दी है। इस निर्णय के बाद छात्र अब हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा दे सकेंगे। एमटीएस की परीक्षा की परीक्षा को क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित कराने का नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है। जबकि सीएचएसल के लिए नोटिफिकेशन जून में जारी किया जाएगा।

प्रश्न पत्र हिंदी और अंग्रेजी के अलावा असमिया, बंगाली, गुजराती, मराठी, मलयालम, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, उड़िया, उर्दू, पंजाबी, मणिपुरी और कोंकणी में तैयार किया जाएगा। इस निर्णय के परिणामस्वरूप लाखों उम्मीदवार अपनी मातृभाषा व क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा में भाग लेंगे और उनकी चयन संभावनाओं में सुधार होगा। साथ ही क्षेत्रीय भाषाओं को समझने वाले युवा उम्मीदवारों के चयनित होने की संभावनाएं भी बढ़ जाएंगी और इससे देश की सेवा में करियर बनाने के लिए बड़ी संख्या में युवाओं की भागीदारी में भी वृद्धि देखने को मिलेगी।

10वीं-12वीं स्तर की परीक्षाओं में होती है दिक्कत

UGC announced to conduct examinations in local languages: कमेटी ने कहा था कि भारत कई भाषाएं बोली जाती हैं। हिंदी और अंग्रेजी में 10वीं-12वीं स्तर की परीक्षा आयोजित करने से क्षेत्रीय भाषाओं के अभ्यर्थियों को दिक्कत होती है। ऐसे में ये परीक्षाएं बहु भाषाओं में आयोजित करना उचित होगा। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि संविधान की 8वीं अनुसूची में सूचीबद्ध सभी भाषाओं को अंतत: शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एसएससी लगातार यह सुनिश्चित करने के लिए काम करता है कि सभी वर्गों में समानता हो। साथ ही क्षेत्रीय असमानताओं को भी खत्म किया जा सके।

 

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