Doomsday Clock: 12 बजते ही खत्म हो जाएगी पूरी दुनिया? नजदीक आई प्रलय की घड़ी! युद्ध के बीच इस दावे ने उड़ाए सबके होश…
Doomsday Clock: पिछले कुछ समय से दुनिया के हर हिस्से में तनाव बढ़ता जा रहा है। जिधर भी देखों युद्ध और तनाव की खबरें ही छाई हुई हैं।

Doomsday Clock / Image Source: IBC24
- युद्ध के बीच चर्चा में है ये दावा
- दुनिया खत्म होने की बात
Doomsday Clock: पिछले कुछ समय से दुनिया के हर हिस्से में तनाव बढ़ता जा रहा है। जिधर भी देखों युद्ध और तनाव की खबरें ही छाई हुई हैं। अखबार हो या टीवी चैनल हर तरफ दो देशों के बीच युद्ध की खबरें सामने आते रहती है। ऐसे में ‘डूम्सडे क्लॉक’ यानी प्रलय की घड़ी इस समय चर्चा में छाई हुई है।
क्या है ‘Doomsday Clock‘?
‘डूम्सडे क्लॉक’ यानी प्रलय की घड़ी है। ये एक ऐसी घड़ी है अब इस घड़ी में 12 बज गए तो दुनिया में कयामत आ जाएगी। अब आप ये सोच रहे होंगे आखिर ये क्या चीज है। चलिए जानते हैं इसके बारें में
डूम्सडे क्लॉक एक प्रतीकात्मक घड़ी है
आपको बता दें कि डूम्सडे क्लॉक एक प्रतीकात्मक घड़ी है। इस घड़ी को 1947 में लेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स ने शुरू किया था। जब यह घड़ी बनाई गई तो इसका समय 11:53 मिनट पर सेट किया गया था। जिसके बाद समय समय पर इस घड़ी का वक्त बढ़ाया जाता है। यानी सोवियत संघ ने जब न्यूक्लियर टेस्ट किया था तो घड़ी का समय 11:57 मिनट पर सेट किया गया। आपको बता दें कि ये खुद नहीं बढ़ता। अमेरिका के न्यूक्लियर टेस्ट के बाद घड़ी का समय 2 मिनट और बढ़ा दिया गया।
दुनिया खतरनाक स्थिति में है?
डूम्सडे क्लॉक में आधी रात के 12 बजे की तरफ बढ़ने वाला एक-एक सेकेंड इस बात की संकेत है कि दुनिया खतरनाक स्थिति में है और मानवता का वैश्विक विनाश करीब है। जब भी कोई भीषण युद्ध छिड़ता है या परमाणु परीक्षण होते हैं या कोई मानव-निर्मित आती है तो यह घड़ी कुछ सेकेंड आगे बढ़ जाती है।
विनाश का समय
इस घड़ी में आधी रात के 12 बजने को विनाश के समय के रूप में वर्णित किया गया है। घड़ी 12 बजे के जितना करीब पहुंचती जाती है मानवता और इंसान के वजूद को उतना ही खतरनाक माना जाता है।
ये घड़ी क्यों बनाई गई थी?
इस घड़ी को बनाने का उद्देश्य यह है कि लोगों को चेतावनी देना। जागरूक करना कि दुनिया किस कगार पर खड़ी है। ये घड़ी बताती है कि युद्ध, हथियार, जलवायु परिवर्तन और राजनीति हमें कहां लेकर जा रही है।