देशभर में प्रसिद्ध है माता लक्ष्मी का ये मंदिर, दिवाली के दिन भक्त यहां चिट्ठी लिखकर लगाते हैं अर्जी

Rajasthan Mahalaxmi Temple: श्राद्ध पक्ष की अष्टमी के दिन मां का जन्मदिवस मनाया जाता है। इस दिन वसंत पंचमी भी मनाते हैं, इसी दिन श्रद्धालु की चिट्ठियां खोली जाती हैं। यहां चिट्ठियां दो से तीन साल तक ही रखी जाती हैं उसके बाद उसे विसर्जित कर दिया जाता है।

देशभर में प्रसिद्ध है माता लक्ष्मी का ये मंदिर, दिवाली के दिन भक्त यहां चिट्ठी लिखकर लगाते हैं अर्जी

This temple of Mata Lakshmi is famous all over the country, on the day of Diwali, devotees apply by writing letters here.

Modified Date: November 29, 2022 / 08:33 pm IST
Published Date: October 23, 2022 9:43 pm IST

राजस्थान। Rajasthan Mahalaxmi Temple: दिवाली पूरे भारत में बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है। इस त्योहार में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। राजस्थान में माता लक्ष्मी का एक मंदिर है जंहा भक्त मां लक्ष्मी से अपनी मनोकामना को चिट्ठी लिखकर पूरा करने की अर्जी लगाते हैं। बता दे कि राजस्थान के बांसवाड़ा शहर में एक मंदिर है जो 480 साल पुराना है। मान्यता है कि यहां चिट्ठी लिखकर मां से जो कुछ भी मांगा जाता है उसे मां जरूर पूरा करती हैं। इस मंदिर में जो भी श्रद्धालु मां के मंदिर में दर्शन करने आते हैं वो दान पात्र में भी चिट्ठी डालकर जाते हैं। चिट्ठी में वो अपनी मनोकामना लिखकर डाल देते हैं।

साढ़े तीन फीट का है मंदिर

Rajasthan Mahalaxmi Temple: महालक्ष्मी मंदिर में आए श्रद्धालुओं की चिट्ठी रख ली जाती है। श्राद्ध पक्ष की अष्टमी के दिन मां का जन्मदिवस मनाया जाता है। इस दिन वसंत पंचमी भी मनाते हैं, इसी दिन श्रद्धालु की चिट्ठियां खोली जाती हैं। यहां चिट्ठियां दो से तीन साल तक ही रखी जाती हैं उसके बाद उसे विसर्जित कर दिया जाता है। मंदिर में जो माता की जो प्रतिमा स्थापित है वो सफेद मार्बल से बनी है।

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भक्तों की लगती है लंबी भीड़

Rajasthan Mahalaxmi Temple: बता दें कि मूर्ति की हाइट साढ़े तीन फीट है, यहां मां लक्ष्मी 16 दल के कमल के आसन पर विराजमान हैं। मंदिर के पंडितों का ऐसा कहना है कि अगर आप मंदिर में आकर माता की पूजा करते हैं तो इससे मां की कृपा आप पर हमेशा बनी रहती है। हर दिवाली में महालक्ष्मी जी की प्रतिमा को साढ़े पांच किलो चांदी के वस्त्रों से सजाया जाता है। इसके अलावा माता का सोने के हार, अंगुठी और नथ से श्रृंगार किया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि मंदिर की रखवाली के लिए कोई गार्ड नहीं रखा गया है। दिवाली के मौके पर यहां भक्तों की भीड़ जमा रहती है।

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