CG Vidhan Sabha Chunav 2023: आजादी के बाद से आज तक इस विधानसभा सीट पर जीत नहीं पाई भाजपा, जानिए क्या कहते हैं इस बार सियासी गणित | CG Vidhan Sabha Chunav 2023: BJP Not Win Kharsia constituency Seat till date

CG Vidhan Sabha Chunav 2023: आजादी के बाद से आज तक इस विधानसभा सीट पर जीत नहीं पाई भाजपा, जानिए क्या कहते हैं इस बार सियासी गणित

आजादी के बाद से आज तक इस विधानसभा सीट पर जीत नहीं पाई भाजपा, जानिए क्या कहते हैं इस बार सियासी गणित! BJP Not Win Kharsia Seat

Edited By :   Modified Date:  August 29, 2023 / 11:03 AM IST, Published Date : August 29, 2023/11:03 am IST

खरसिया: BJP Not Win Kharsia Seat विधानसभा चुनाव का समय जैसे जैसे नजदीक आ रहा है पार्टियां राजनैतिक गुणा भाग में जुट गई हैं। हम भी निकल पड़े हैं प्रदेश की अलग अलग सीटों का मिजाज जानने के लिए, ये जानने के लिए कि सीटों पर किस तरह के सियासी समीकरण बन बिगड़ रहे हैं।

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BJP Not Win Kharsia Seat छत्तीसगढ़ की राजनीति की दो धुरी है स्वर्गीय नंदकुमार पटेल और बीजेपी के पितृपुरुष कहे जाने वाले लखीराम अग्रवाल। दोनों की कर्मभूमि खरसिया रही। इस सीट से अविभाजित मध्यप्रदेश में सीएम रहे अर्जुन सिंह भी चुनाव लड़ चुके हैं। 1988 में दिलीप सिंह जूदेव ने भी अर्जुन सिंह के खिलाफ चुनाव ल़ड़ा था, लेकिन वो चुनाव हार गए लेकिन उनका आभार रैली निकालकर बड़ा शक्ति प्रदर्शन करना काफी सुर्खियां बटोरा था। अर्जुन सिंह के बाद कांग्रेस की तरफ से नंदकुमार पटेल यहां चुनाव लड़े और लगातार छह बार विधायक चुने गए।

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झीरम हमले में नंदकुमार पटेल के असामयिक निधन के बाद 2013 में उमेश पटेल यहां से चुनाव लड़े और तब से वो खऱसिया में विधायक हैं। खरसिया के सियासी समीकरणों की बात की जाए, तो हर चुनाव में यहां नतीजा एक ही रहता है। कांग्रेस के प्रत्याशी चुनाव जीतते हैं और बीजेपी हारती है। आजादी के बाद से ही कांग्रेस इस सीट पर बीजेपी को शिकस्त दे रही है। खरसिया कांग्रेस का वो मजबूत किला है जिसे बीजेपी अब तक भेद नहीं सकी है।

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2018 में भी सीट ने काफी सुर्खियों बटोरी थी। दरअसल आईएएस की नौकरी छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले चर्चित चेहरे ओपी चौधरी ने उमेश पटेल के खिलाफ चुनाव लड़ा। भाजपा ने जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी। लेकिन खरसिया की जनता ने परंपरागत तरीके से मतदान करते हुए कांग्रेस का साथ दिया और उमेश पटेल को 94 हजार से अधिक वोट मिले। उमेश पटेल ने ओपी चौधरी को17 हजार वोटों से पराजित किया। लगातार मिल रही जीत से खऱसिया विधानसभा में कांग्रेस का उत्साह चरम पर है। इस सीट पर कांग्रेस फिर से जीत हासिल कर इतिहास दोहराने का दावा कर रही है।

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दूसरी ओर चुनावी रणभेरी बजते ही बीजेपी इस बार हर हाल में कांग्रेस के इस अभेद किले की मजबूत घेराबंदी में जुट गई है। चुनाव की तारीखों के ऐलान के काफी पहले ही भाजपा ने अपना प्रत्याशी तय कर दिया है। जमीनी नेता महेश साहू को चुनावी मैदान में उतारा है। प्रत्याशी तय होने के बाद बीजेपी ने जनसंपर्क अभियान की शुरुआत भी कर दी है। बीजेपी इस बार सीट पर जीत को लेकर बेहद आश्वस्त है, उसके मुताबिक खरसिया की जनता बदलाव चाहती है।

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बहरहाल बीजेपी और कांग्रेस दोनों के अपने-अपने दावे हैं। सियासी दावों के बीच खरसिया में महेश साहू और कांग्रेस उमेश पटेल के बीच मुकाबला होना लगभग तय है। ऐसे में कैसी है दोनों की तैयारी..किसका पलड़ा है भारी..?

 

 

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