राजनांदगांव: कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए अपनी पहली सूची जारी कर दी है। इस लिस्ट में कांग्रेस ने उन सभी विधानसभाओं के नाम शामिल किये है जहां या तो विरोध नहीं है या फिर आम कार्यकर्ताओं में अपने उम्मीदवार को लेकर एक आम सहमति है। इस सूची में मुख्यमंत्री, गृहमंत्री समेत कैबिनेट के लगभग सभी मंत्रियों के नाम है।
वही इस पूरे सूची में जो सबसे लो प्रोफ़ाइल प्रत्याशी का नाम है उसे सबसे हाई प्रोफाइल सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। गिरिश देवांगन इस बार डॉ रमन सिंह के खिलाफ चुनावी मैदान में होंगे। कांग्रेस की तरफ से यह अबतक का सबसे चौंकाने वाला फैसला है। राजनीतिक पंडितो का मानना है कि गिरीश देवांगन के तौर पर कांग्रेस ने इस सीट पर गंभीरता नहीं दिखाई है। शायद कांग्रेस को इस सीट को लेकर ज्यादा भरोसा नहीं है इसलिए उन्होंने किसी बड़े नाम के बजाएं संगठन के नेता को उम्मीदवार बनाकर खानापूर्ति किया है। बहरहाल यह तो चुनावी नतीजों से साबित होगा की राजनांदगांव से कौन मजबूत और कौन कमजोर साबित होगा, लेकिन इससे पहले ही डॉ रमन सिंह ने कांग्रेस ने उन जख्मो को अपने बयानों से हरा कर दिया है जिससे कांग्रेस का स्थानीय संगठन कराह रहा है।
दरअसल स्थानीय संगठन का यह दर्द है बाहरी और भीतरी प्रत्याशी का। गिरीश देवांगन का नाम फाइनल होने के बाद राजनांदगांव में अबतक खुलकर किसी नेता ने गिरीश के उम्मीदवारी का विरोध नहीं किया है लेकिन अंदरखाने से मिल रही ख़बरों के मुताबिक़ स्थानीय संगठन इस फैसले से बहुत ज्यादा खुश नहीं है। उन्हें इस बार डॉ रमन के खिलाफ किसी बड़े चेहरे या फिर स्थानीय उम्मीदवार की उम्मीद थी। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अब भाजपा का मानना है कि गिरीश देवांगन रिकॉर्ड मतों से हारेंगे।
बहरहाल अब इस पर खुद भाजपा के प्रत्याशी और पूर्व सीएम डॉ रामन सिंह का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि वे किसी भी चुनाव को हल्के में नहीं लेते है, जहाँ तक राजनांदगांव के चुनाव का सवाल है तो हम पूरी गंभीरता से लड़ेंगे। डॉ रमन ने दावा किया कि कांग्रेस उनके खिलाफ हर बार बाहरी प्रत्याशी खड़ा करती है। राजनांदगांव में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता है, न जाने क्यों उन्हे मौका नहीं दिया जाता है। तुष्टिकरण के सवाल पर भाजपा नहीं खुद कांग्रेस करती है।