Gwalior Chambal Election 2023: सिंधिया के गढ़ में आसान नहीं भाजपा-कांग्रेस की जीत, जातिगत गणित फेल कर देती है बड़े-बड़े चाणक्य का समीकरण
सिंधिया के गढ़ में आसान नहीं भाजपा-कांग्रेस की जीत, जातिगत गणित फेल कर देती है बड़े-बड़े चाणक्य का समीकरण! Gwalior Chambal Election 2023
ग्वालियर: Gwalior Chambal Election 2023 कोई भी चुनाव हो मध्य प्रदेश का ग्वालियर-चंबल संभाग विकास के मुद्दे से ज्यादा जातिगत समीकरण को लेकर चर्चित रहता है। इस बार विधानसभा चुनाव में अलग-अलग जाति के बड़े नेताओं ने बीजेपी और कांग्रेस की मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पार्टियों ने किसी जिले में ब्राह्मण को अनदेखा किया, तो कहीं, क्षत्रिय और वैश्य समाज को। ऐसे में समाज के नेता बैठक कर वोट की चोट पहुंचाने की रणनीति बना रहे हैं।
Gwalior Chambal Election 2023 ग्वालियर-चंबल में जातियों की टिकट में हिस्सेदारी को लेकर मामला गरमाता जा रहा है। बीजेपी ने ग्वालियर में किसी भी ब्राहम्ण और वैश्य समाज के नेता को टिकट नहीं दिया है, जिसको लेकर ब्राहम्ण समाज ने गोपनीय बैठक समाज के बड़े नेताओं के साथ बुलाई और इसमें बीजेपी को वोट से चोट करने पर एक राय बनी है। यही हाल वैश्य समाज का है। हाशिए पर डाले जाने के चलते बड़ी नाराजगी है।
ये हाल अकेले बीजेपी में नहीं, बल्कि कांग्रेस में भी दिख रहा है। मुरैना की सुमावली सीट से टिकट कटने से नाराज अजब सिंह कुशवाह ने अपने समाज से कांग्रेस का बहिष्कार करने के लिए कहा है। वहीं कुलदीप सिकरवार का टिकट कटने के बाद उन्होंने भी क्षत्रिय समाज के लोगों से कांग्रेस का बहिष्कार करने की बात कही थी।
कुल मिलाकर देखा जाए तो ग्वालियर चंबल कांग्रेस और बीजेपी के लिए उतना आसान नहीं है, जितना वे समझ रहे हैं। क्योंकि यहां, हर चुनाव में जातियां बड़े राजनीतिक दलों का गणित बिगाड़ देती हैं और जाति की राजनीति में आगे रहने वाली क्षेत्रीय पार्टियां वोट काटने के साथ-साथ बड़ा नुकसान भी राजनीतिक दलों को पहुंचाती हैं।

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