Swearing in ceremony of CM Mohan Yadav

CM Mohan Yadav: पूरी हुई मोदी इच्छा..अब मोहन की अग्निपरीक्षा! शपथ लेने के आठ घंटे के अंदर कुछ इस अंदाज में नजर आए मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री

पूरी हुई मोदी इच्छा..अब मोहन की अग्निपरीक्षा! शपथ लेने के आठ घंटे के अंदर कुछ इस अंदाज में नजर आए मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री

Edited By :   Modified Date:  December 13, 2023 / 09:48 PM IST, Published Date : December 13, 2023/9:48 pm IST

भोपाल: Swearing in ceremony of CM Mohan Yadav नई सरकार, नया निजाम, नया इतिहास और एक्शन मोड में नया कप्तान! शपथ लेने के लिए 8 घंटे के अंदर कुछ इस अंदाज में नजर आए मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव मध्यप्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री के तौर पर डॉ मोहन यादव ने शपथ ले ली है। साथ ही उनको टीम में दो उपकप्तान, यानी दो डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ाऔर राजेंद्र शुक्ला का साथ भी मिला है।

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Swearing in ceremony of CM Mohan Yadav चुनावी दौर में दावों और वादों की जो फेहरिस्त पेश हुई अब वक्त हैं उन्हें अमलीजामा पहनाने की और साथ ही उनके सामने कई चुनौतियां भी। नए मुख्यमंत्री मोहन यादव के सामने चुनौतियों की बात करें तो सबसे पहले और बड़ी चुनौती है।

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1.पूर्व CM से अपनी लकीर बड़ी करने की चुनौती
2.वादों को समय पर पूरा करने की चुनौती
3.पार्टी में अपना लोहा मनवाने की चुनौती
4.हाईकमान के निर्णय को सही साबित करने की चुनौती
5.24 के चुनाव में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की चुनौती
6.संतुलित मंत्रीमंडल बनाने की चुनौती
7.पार्टी के क्षत्रपों के बीच शक्ति संतुलन बनाने की चुनौती

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विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने लाड़ली बहना योजना 450 रुपए में गैस सिलेंडर किसान सम्मान निधि एमएसपी पर गेंहू और धान खरीदने की घोषणाएं की थी। इसके बाद भाजपा ने 163 सीट के साथ बंपर जीत दर्ज की। अब नए मुख्यमंत्री मोहन यादव के सामने सबसे बड़ी चुनौती योजनाओं को चलाने और घोषणाओं को पूरा करने बजट जटाने की होगी। जानकारों का कहना है कि सरकार की आय की तुलना में खर्च बहुत ज्यादा है। ऐसे में नई सरकार को राजस्व बढ़ाने के विकल्प पर काम करना होगा।

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मतलब ये कि हर दिन उनकी ये चुनौती चौगुनी होती जाएगी। उम्मीदों का बोझ बढ़ता जाएगा और विरोधियों की उंगलियां तनती जाएगी पर यही तो लोकतंत्र की खूबसूरती है और अग्निपरीक्षा भी कि राजनेताओं को विरोधों और विरोधाभासों के बीच काम करना होता है। वो भी पहले के मुकाबले बेहतर तरीके से..क्योंकि मौके बार-बार नहीं मिलते।

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