IBC24 Bemisal Bastar: आयुष्मान कार्ड योजना बनी वरदान, दुर्गम इलाकों तक पहुंचा स्वास्थ्य अमला, पूरे छत्तीसगढ़ में पहले पायदान पर कांकेर जिला
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IBC24 Bemisal Bastar: रायपुर। वैसे तो धरती को स्वर्ग कहा जाता है, लेकिन अगर बस्तर को छत्तीसगढ़ का स्वर्ग कहा जाए तो ये कहीं भी गलत नहीं होगा। बस्तर दुनिया भर में सिर्फ वनों के लिए नहीं बल्कि अपनी अनूठी सममोहक संस्कृति के लिए पहचाना जाता है। यहां के आदित जनजातियों की परंपराएं, लोकगीत, लोक नृत्य, स्थानीय भाषा, शिल्प एवं लोक कला की पूरी दुनिया कायल है। आज आईबीसी 24 ये जानने की कोशिश कर रहा है कि सरकार की सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा या नहीं। बता दें कि आईबीसी 24 सदा से जनता की आवाज और जनहित की बात सरकार तक पहुंचाने का माध्यम बना है और हमेशा इस बात पर अडिग रहेगा कि ‘सवाल आपका है’
भारत सरकार ने बस्तर में नक्सलियों पर नकेल कसने के साथ ही सालों से आतंक के साए में जीते रहे लोगों लिए सुविधाओं और योजनाओं के तमाम दरवाजे खोल दिए हैं। इन्हीं योजनाओं में से महत्वाकांक्षी योजना है आयुष्मान कार्ड योजना। आयुष्मान कार्ड योजना APL और BPL परिवारों के लिए किसी वरदान से कम नहीं। कांकेर जिले ने आयुष्मान कार्ड पंजीयन के मामले में पूरे छत्तीसगढ़ में पहले पायदान पर है। सिर्फ पंजीयन ही नहीं कार्डधारकों को समय पर इससे इलाज भी संभव हो पाया है। नक्सल प्रभावित इस जिले में दुर्गम जगहों पर पहुंच कर स्वास्थ अमले ने ये उपलब्धि हालिस की है।
IBC24 Bemisal Bastar: दरअसल, कांकेर जिले में भारत सरकार की आयुष्मान कार्ड योजना के तहत 7 लाख 39 लोगो का पंजीयन करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें 6 लाख 73 हजार लोगो का पंजीयन किया जा चुका है। ये इतना आसान नहीं था। जिले के 7 ब्लॉक में अंतागढ़, दुर्गुकोंडल, कोयलीबेडा,ब्लॉक जहां नेटवर्क की समस्या, खेती पर आधारित किसान मजदूर जो सुबह से काम पर निकल जाते है, उनको इकट्ठा करना, कैंप लगाना, सुबह 6 बजे से पहले लोगों के घर पहुंचना। इसमें भी सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि ग्रामीण इलाको में नेटवर्क की समस्या के बीच ग्रामीणों को नेटवर्क वाली जगह लाकर पंजीयन कराना स्वास्थ विभाग की पूरी टीम की कड़ी मेहनत और लगन से ही संभव हो पाया है।

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