Akshara Singh Chhath Celebration: अस्तचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने पहुंची भोजपुरी एक्ट्रेस अक्षरा सिंह, पारंपरिक अंदाज में गाया छठ गीत, देखें वीडियो
Akshara Singh Chhath Celebration: अस्तचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने पहुंची भोजपुरी एक्ट्रेस अक्षरा सिंह, पारंपरिक अंदाज में गाया छठ गीत, देखें वीडियो
Akshara Singh Chhath Celebration | Photo Credit: ANI
- छठ पूजा का तीसरा दिन
- भोजपुरी एक्ट्रेस अक्षरा सिंह ने दीघा घाट पर रखा छठ व्रत और पूजा-अर्चना की
- छठी मइया को उर्वरता और संतान की रक्षा करने वाली देवी माना गया है
नई दिल्ली: Akshara Singh Chhath celebration लोक आस्था के महापर्व छठ का आज सोमवार को तीसरा दिन है। छठ व्रत करने वाले महिला-पुरुष व्रती विभिन्न छठ घाटों पर पहुंचकर अस्ताचलगामी भगवान भास्कर (डूबते सूर्य) को पहला अर्घ्य देंगे। इसके बाद, मंगलवार की सुबह उदीयमान सूर्य (उगते सूर्य) को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का विधिवत समापन हो जाएगा।
Akshara Singh Chhath celebration इस अवसर पर भोजपुरी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री अक्षरा सिंह ने भी छठ व्रत रखा। अक्षरा सिंह आज पटना के प्रसिद्ध दीघा घाट पहुंची, जहां उन्होंने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया और पूरे विधि-विधान से पूजा की। अभिनेत्री अक्षरा सिंह ने कहा, “आज पहला अर्घ्य है। बिहार में छठ को लेकर मान्यता तो है ही लेकिन ऐसा लगता है कि छठ हमारे रोम-रोम में बसा है। छठ पूजा से हर बिहारी का भावनात्मक जुड़ाव है। मैं समस्त भारतवर्ष के लिए कामना करना चाहती हूं। हर किसी के जीवन में बहुत सारी खुशियां और उन्नति आए।” उन्होंने आगे कहा, “बहुत अच्छी व्यवस्था है। व्यवस्था में कोई कमी नहीं है।”
#WATCH | पटना, बिहार: भोजपुरी अभिनेत्री अक्षरा सिंह ने कहा, “…आज पहला अर्घ्य है। बिहार में छठ को लेकर मान्यता तो है ही लेकिन ऐसा लगता है कि छठ हमारे रोम-रोम में बसा है… छठ पूजा से हर बिहारी का भावनात्मक जुड़ाव है… मैं समस्त भारतवर्ष के लिए कामना करना चाहती हूं। हर किसी के… https://t.co/WRcDxN8vha pic.twitter.com/8g723ib8fZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 27, 2025
कौन हैं छठी मइया
आपको बता दें कि छठी मइया का संबंध षष्ठी तिथि से है। छठी मइया को ब्रह्मा की मानस पुत्री और सूर्य देव की बहन कहा जाता है। लोककथाओं और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठी मइया उर्वरता और समृद्धि की देवी हैं। बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई इलाकों में विशेष रूप से संतान की रक्षा और परिवार की समृद्धि के लिए छठ पूजा की जाती है। मान्यता है कि छठी मइया संतान की रक्षा करती हैं और पूरे परिवार के जीवन में उजाला भरती हैं, ठीक वैसे ही जैसे सूर्य अपनी रोशनी से धरती को जीवन देता है।
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