लोकप्रिय भजन ‘रघुपति राघव राजा राम’ को लेकर भाजपा और कांग्रेस-राजद में तकरार

लोकप्रिय भजन 'रघुपति राघव राजा राम' को लेकर भाजपा और कांग्रेस-राजद में तकरार

लोकप्रिय भजन ‘रघुपति राघव राजा राम’ को लेकर भाजपा और कांग्रेस-राजद में तकरार
Modified Date: December 26, 2024 / 11:09 pm IST
Published Date: December 26, 2024 11:09 pm IST

पटना, 26 दिसंबर (भाषा) बिहार में लोकप्रिय भजन ‘रघुपति राघव राजा राम’ के गायन के दौरान एक महिला गायिका को परेशान करने के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद)-कांग्रेस गठबंधन ने बृहस्पतिवार को एक-दूसरे पर आरोप लगाए।

विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित एक समारोह में बुधवार को हुई घटना भाजपा द्वारा पोषित ‘महिला द्वेष’ और ‘महात्मा गांधी के प्रति घृणा’ को दर्शाती है।

भाजपा ने पलटवार करते हुए दावा किया कि उसे संदेह है कि ‘राजद कार्यकर्ता’ व्यवधान पैदा करने के इरादे से सभागार में घुसे थे।

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सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस घटना के एक वीडियो में गायिका को ‘ईश्वर अल्लाह तेरो नाम’ का श्लोक गाते समय उग्र हो गई भीड़ से माफी मांगते हुए देखा जा सकता है।

हालांकि, यह भजन बहुत पुराना है, लेकिन माना जाता है कि यह छंद महात्मा गांधी के कहने पर बनाया गया था, जो हिंदुओं और मुसलमानों के बीच एकता के लिए उनके प्रयास को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था।

वीडियो में, गायिका द्वारा व्यक्त किए गए खेद का भीड़ पर कोई खास असर नहीं दिखता है और उसे भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे को माइक्रोफोन सौंपने के लिए कहा जाता है, जो हवा में दोनों हाथ उठाकर मुट्ठी बांधते हुए ‘जय श्री राम’ का नारा लगाते दिख रहे हैं।

कांग्रेस ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर यह वीडियो साझा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को टैग किया और हिंदी में लिखा, ‘ये वीडियो देखिए, आपकी पार्टी के नेता जो आपको अपना आदर्श मानते हैं, उन्हें गांधी जी से कितनी चिढ़ है। क्या आप इन्हें भी ‘दिल से माफ’ नहीं कर पाएंगे?’

विपक्षी दल ने कहा, ‘यह घटना भाजपा-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) गठबंधन की गांधी के प्रति नफरत का एक उदाहरण है। वे (महात्मा गांधी के हत्यारे) गोडसे की विचारधारा में विश्वास करते हैं।

राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने एक्स पर लिखा, ‘संघियों और भाजपाइयों को “जय सियाराम, जय सीताराम” के नाम एवं नारे से शुरू से ही नफरत है क्योंकि उसमें माता सीता का जयकारा है। ये लोग शुरू से ही महिला विरोधी हैं तथा “जय श्री राम’ के नारे के साथ आधी आबादी महिलाओं का भी अपमान करते हैं। गायिका देवी ने कल कार्यक्रम में बापू के नाम पर निर्मित सभागार में बापू का भजन गाकर उसने “सीताराम” बोल दिया तो टुच्चे भाजपाइयों ने माइक पर उससे माफ़ी मंगवाई तथा माता सीता के जय सीताराम की बजाय जय श्रीराम के नारे लगवाए। ये संघी “सीता माता” सहित महिलाओं का अपमान क्यों करते है?’

उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि भाजपा जनता दल(यूनाइटेड) प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री ‘नीतीश कुमार की सहयोगी’ है।

इस बीच, भाजपा की राज्य इकाई ने एक बयान जारी कर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि ‘राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद द्वारा इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का घृणित प्रयास यह साबित करता है कि उस पार्टी के कार्यकर्ताओं को कल के समारोह स्थल पर भेजा गया था ताकि व्यवधान पैदा किया जा सके, जिससे विपक्षी पार्टी को कुछ राजनीतिक लाभ मिल सके’।

भाजपा ने आरोप लगाया, ‘राजद अध्यक्ष प्रसाद ने भूरा बाल साफ करो (1990 के दशक का एक उच्च जाति विरोधी नारा) का आह्वान किया था। पार्टी फिर से अपने फायदे के लिए सामाजिक विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रही है।’

भाषा

अनवर, रवि कांत रवि कांत


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