पटना बैठक के बाद विपक्षी एकता में दरार! आम आदमी पार्टी बोली- जहां कांग्रेस वहां नहीं जाएगी ‘आप’
Kejriwal said AAP will not go where Congress: आम आदमी पार्टी ने बयान जारी कर बताया कि पटना में विपक्षी दलों की बैठक में कुल 15 पार्टियां शामिल हुई हैं। इनमें कांग्रेस को छोड़कर अन्य सभी 11 दलों ने अध्यादेश के खिलाफ स्पष्ट रूप से अपना रुख व्यक्त किया है।
Kejriwal said AAP will not go where Congress पटनाः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल महाबैठक में शामिल होने के बाद पटना से रवाना हो गए हैं। वे संयुक्त प्रेस वार्ता में शामिल नहीं हुए। इस बीच, आम आदमी पार्टी ने बयान जारी कर बताया कि पटना में विपक्षी दलों की बैठक में कुल 15 पार्टियां शामिल हुई हैं। इनमें कांग्रेस को छोड़कर अन्य सभी 11 दलों ने अध्यादेश के खिलाफ स्पष्ट रूप से अपना रुख व्यक्त किया है।
आप की ओर से जारी बयान के मुताबिक, अध्यादेश का उद्देश्य न केवल दिल्ली में चुनी हुई सरकार के लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनना है, बल्कि यह भारत के लोकतंत्र और संवैधानिक सिद्धांतों के लिए भी एक बड़ा खतरा है। अगर इसे चुनौती नहीं दी गई तो यह खतरनाक प्रवृत्ति अन्य सभी राज्यों में फैल सकती है, जिसके परिणामस्वरूप लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई राज्य सरकारों से सत्ता छीनी जा सकती है। इस अध्यादेश को गिराना जरूरी है।
आप ने कांग्रेस पर लगाया मोदी सरकार का साथ देने के आरोप
Kejriwal said AAP will not go where Congress आप ने बयान में बताया कि पटना में समान विचारधारा वाली विपक्षी पार्टियों की बैठक में कुल 15 पार्टियां शामिल हुई हैं, जिनमें से 12 का प्रतिनिधित्व राज्यसभा में है। कांग्रेस को छोड़कर अन्य सभी 11 दलों ने अध्यादेश के खिलाफ स्पष्ट रूप से अपना रुख व्यक्त किया है। इन पार्टियों ने पहले ही घोषणा की है कि वे राज्यसभा में इसका विरोध करेंगे।
एक राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर कांग्रेस लगभग सभी मुद्दों पर एक स्टैंड लेती है, लेकिन अभी तक अध्यादेश पर उसने रुख स्पष्ट नहीं किया है। हालांकि, कांग्रेस की दिल्ली और पंजाब इकाइयों ने घोषणा की है कि पार्टी को इस मुद्दे पर मोदी सरकार का समर्थन करना चाहिए। आज पटना में समान विचारधारा वाली पार्टी की बैठक के दौरान कई दलों ने कांग्रेस से अध्यादेश की सार्वजनिक रूप से निंदा करने का आग्रह किया। हालांकि, कांग्रेस ने ऐसा करने से इनकार कर दिया।
‘जहां कांग्रेस, वहां आप नहीं’
आप ने अपने बयान में कहा कि कांग्रेस की चुप्पी संदेह पैदा करती है। व्यक्तिगत चर्चाओं में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने संकेत दिया है कि उनकी पार्टी अनौपचारिक या औपचारिक रूप से राज्यसभा में इस पर मतदान से दूर रह सकती है। इस मुद्दे पर कांग्रेस के वोटिंग से दूर रहने से भाजपा को भारतीय लोकतंत्र पर अपने हमले को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
बयान में आगे कहा गया कि अध्यादेश संविधान विरोधी, संघवाद विरोधी और पूर्णतया अलोकतांत्रिक है। इसके अलावा यह माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को उलटने का प्रयास करता है और न्यायपालिका का अपमान है। कांग्रेस की झिझक और टीम प्लेयर के रूप में काम करने से इनकार करने से AAP के लिए किसी भी गठबंधन का हिस्सा बनना बहुत मुश्किल हो जाएगा, जिसमें कांग्रेस भी शामिल है।
आम आदमी पार्टी ने अपने बयान स्पष्ट किया कि जब तक कांग्रेस सार्वजनिक रूप से अध्यादेश की निंदा नहीं करती और घोषणा नहीं करती कि उसके सभी 31 राज्यसभा सांसद राज्यसभा में अध्यादेश का विरोध करेंगे। AAP के लिए समान विचारधारा वाले दलों की भविष्य की बैठकों में भाग लेना मुश्किल होगा, जहां कांग्रेस की भागीदारी होगी। अब समय आ गया है कि कांग्रेस तय करे कि वह दिल्ली की जनता के साथ खड़ी है या मोदी सरकार के साथ।
Our statement on the meeting of political parties on June 23, 2023, in Patna.#OppositionMeeting pic.twitter.com/Mb3u1G75Cf
— AAP (@AamAadmiParty) June 23, 2023
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