बिहार विधानसभा में मंत्री ने इतिहास को फिर से लिखने के प्रयासों पर चिंता व्यक्त की

बिहार विधानसभा में मंत्री ने इतिहास को फिर से लिखने के प्रयासों पर चिंता व्यक्त की

बिहार विधानसभा में मंत्री ने इतिहास को फिर से लिखने के प्रयासों पर चिंता व्यक्त की
Modified Date: November 29, 2022 / 04:41 am IST
Published Date: August 24, 2022 10:17 pm IST

पटना, 24 अगस्त (भाषा) बिहार के संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बुधवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की कथित शह पर ‘‘इतिहास के पुनर्लेखन की कोशिशों’’ पर गंभीर चिंता व्यक्त की।

बिहार में राजग के सत्तारूढ़ रहने के दौरान शिक्षा विभाग का कामकाज संभाल चुके जदयू नेता चौधरी ने विधानसभा में महागठबंधन सरकार के विश्वास मत पर चर्चा के दौरान कहा कि नीतीश कुमार सरकार निराश थी जब उसे सीबीएसई के अपने पाठ्यक्रम से शीत युद्ध और गुटनिरपेक्ष आंदोलन को हटाने के फैसले के बारे में पता चला।

उन्होंने कहा, ‘‘हम बहुत चिंतित थे। एक बच्चे की विश्व इतिहास के बारे में क्या सोच होगी यदि उसे इन महत्वपूर्ण बातों के बारे में जानने को न मिले। इसलिए हमने फैसला किया, चाहे कुछ भी हो हम बिहार में इसका पालन नहीं करेंगे।’’

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पूर्व बिहार विधानसभा अध्यक्ष चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल की शुरूआत की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘ये सभी अवांछित परिवर्तन एक नए भारत की छवि पेश करने की दृष्टि से लाए जा रहे हैं। ऐसा लगता है कि वे यह दर्शाना चाहते हैं कि सभी चीजें देश में केवल 2014 के बाद हुई हैं।’’

जदयू के शीर्ष नेता नीतीश कुमार और भाजपा के बीच इतिहास विषय दो दशकों से अधिक समय से विवाद का विषय रहा है।

एक प्रखर समाजवादी कुमार ने बख्तियारपुर जैसे स्थानों का नाम बदलने की भाजपा की मांगों का विरोध किया था।

कुमार ने बिहार में राजग के सत्तासीन रहने के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस तर्क को अस्वीकार कर दिया था कि हिंदू राजाओं के योगदान पर अधिक जोर देने के साथ इतिहास को नए सिरे से लिखा जाए।

चौधरी ने अपने भाषण में बिहार के प्रति केंद्र की ‘‘उपेक्षा’’ की भी बात की ।

उन्होंने कहा, ‘‘राजग का शासन अब समाप्त हो गया है। हम जाने वाले अंतिम थे। पिछले कुछ वर्षों में भाजपा ने अपने सभी प्रमुख सहयोगियों को खो दिया है।’’

भाषा अनवर

राजकुमार

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