Bihar Politcs: बिहार चुनाव से पहले एनडीए में फूट! नीतीश के सामने ही जेडीयू कोटे के मंत्री पर जमकर बरसे डिप्टी सीएम, इस मामले को लेकर दोनों के बीच हुई तीखीं बहस
नीतीश के सामने ही जेडीयू कोटे के मंत्री पर जमकर बरसे डिप्टी सीएम! NDA Split Before Bihar Elections, JDU and BJP upset
- डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने जेडीयू मंत्री अशोक चौधरी पर किया हमला।
- बीजेपी विधायकों को सरकारी कार्यक्रमों से दूर रखने का आरोप।
- जब मुख्यमंत्री और दूसरे नेता चुप रहे, तब खुलकर सामने आई नाराजगी।
पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले वहां की सियासत अचानक गर्म हो गई। सोमवार को एनडीए विधायक दल की बैठक में ही जमकर हंगामा हो गया। डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने जेडीयू के मंत्री अशोक चौधरी पर नाराजगी जताई, जिसके बाद कई बीजेपी विधायक उनके समर्थन में खड़े हो गए। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुपचाप बैठे रहे, जबकि उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी देखते रहे। अब इस मसले के सामने आने के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। चूंकि बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाला है, ऐसे में एनडीए विधायकों के बीच नाराजगी की खबरों से सियासत में नई चर्चा देखने को मिल रही है।
आज से विधानसभा औऱ विधान परिषद का मॉनसून सत्र शुरू हुआ है। इस सत्र को लेकर आज एनडीए विधायक दल की बैठक बुलाई गयी थी। इसी दौरान डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि जेडीयू कोटे के मंत्री अशोक चौधरी जिले-जिले में घूमकर अपने विभाग की योजनाओं का शिलान्यास औऱ उद्घाटन कर रहे हैं। लेकिन उसमें बीजेपी और बीजेपी समर्थित दूसरे विधायकों को बुलाया ही नहीं जा रहा है। विजय सिन्हा ने कहा कि गठबंधन धर्म का पालन करना सिर्फ बीजेपी की जिम्मेवारी नहीं है। किसी एक पार्टी ने गठबंधन धर्म निभाने का ठेका नहीं ले रखा है। जेडीयू के अधीन एक अहम विभाग के कार्यक्रमों में बीजेपी के विधायकों को नहीं बुलाया जा रहा है। ये कौन सा गठबंधन धर्म है। विजय सिन्हा ने बैठक में प्रहलाद यादव का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि प्रहलाद यादव ने सरकार बनाने में समर्थन दिया था और इसकी जानकारी शीर्ष नेताओं को पहले से थी। इसके अलावा, ग्रामीण कार्य विभाग में ग्लोबल टेंडरिंग को लेकर भी विधायकों ने नाराजगी जताई।
इस दौरान उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी के बीच खुलकर बहस हुई। दोनों में एक विधायक को लेकर बहस शुरू हुई जो नल-जल और ग्लोबल टेंडर तक जा पहुंची। इस बहस ने सत्ताधानी एनडीए गठबंधन में उठापठक की स्थिति को बाहर ला दिया। यह बहस ऐसे समय में हुई जब बिहार में विधानसभा चुनाव होने में कुछ ही महीने शेष हैं।

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