प्रशांत किशोर ने गोपालगंज में भाजपा के बागी उम्मीदवार का समर्थन किया
प्रशांत किशोर ने गोपालगंज में भाजपा के बागी उम्मीदवार का समर्थन किया
गोपालगंज, 24 अक्टूबर (भाषा) जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार के गोपालगंज विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बागी उम्मीदवार अनूप कुमार श्रीवास्तव का समर्थन करने की शुक्रवार को घोषणा की और आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के उम्मीदवार शशि शेखर सिन्हा ने भाजपा के दबाव में चुनाव मैदान से नाम वापस ले लिया है।
किशोर ने गोपालगंज में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीवास्तव का मामला उनकी पार्टी के लिए एक ‘अपवाद’ है। उन्होंने कहा कि अब तक उनकी पार्टी ने किसी भी अन्य दल से आए असंतुष्ट नेता को टिकट नहीं दिया था, लेकिन इस बार परिस्थितियां अलग हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘श्रीवास्तव गोपालगंज के जाने-माने समाजसेवी हैं और भाजपा के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनका (श्रीवास्तव का) आरोप है कि पार्टी ने उन्हें नजरअंदाज कर एक ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया जिसके पास केवल धन है। इस तरह, इस निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा ने श्रीवास्तव और जन सुराज पार्टी दोनों के साथ अन्याय किया है।’’
जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार शशि शेखर सिन्हा के नाम वापस लेने पर किशोर ने कहा, ‘‘सिन्हा ने उम्र और स्वास्थ्य कारणों से नाम वापस लेने की बात कही है, लेकिन मुझे विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली है कि उन्होंने भाजपा के दबाव में ऐसा किया।’’
जन सुराज पार्टी ने हाल में निर्वाचन आयोग से शिकायत की थी कि भाजपा उसके उम्मीदवारों पर नामांकन वापस लेने का दबाव बना रही है।
किशोर ने यह भी कहा कि उन्होंने भाजपा नेताओं के साथ जन सुराज प्रत्याशियों की तस्वीरें सार्वजनिक की हैं, जिनमें दानापुर के प्रत्याशी मुतरु साह की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ और ब्रह्मपुर प्रत्याशी सत्य प्रकाश तिवारी की भाजपा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के साथ तस्वीरें शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य यह दिखाना है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उम्मीदवारों को तोड़ने की कोशिश में शामिल है।
किशोर ने कहा, ‘‘नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है, इसलिए हम श्रीवास्तव को जन सुराज पार्टी का चुनाव चिह्न नहीं दे सकते। लेकिन अब वह हमारे परिवार का हिस्सा हैं और हम उनका पूरा समर्थन करेंगे, भले ही वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हों। हम भाजपा को उसी की भाषा में सबक सिखाना चाहते हैं।’’
भाषा कैलाश खारी
खारी

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