Ambedkar Jayanti 2023 : डॉ. भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती आज, जानें बाबा साहेब से जुड़ी खास बातें और इतिहास

Ambedkar Jayanti 2023 : बाबा साहेब ने कमजोर लोगों के अधिकारों के लिए लंबा संघर्ष किया। इस साल बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती मनाई

Ambedkar Jayanti 2023 : डॉ. भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती आज, जानें बाबा साहेब से जुड़ी खास बातें और इतिहास

Unveiling of the statue of Bharat Ratna Dr. Bhimrao Ambedkar in Bhopal

Modified Date: April 14, 2023 / 05:46 pm IST
Published Date: April 14, 2023 8:32 am IST

नई दिल्ली : Ambedkar Jayanti 2023 : संविधान के निर्माता, दलितों के मसीहा और मानवाधिकार आंदोलन के प्रकांड विद्वता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्मदिवस हर साल 14 अप्रैल को मनाया जाता है। डॉ. अंबेडकर की जयंती पर उनके जनकल्याण के लिए किए गए अभूतपूर्व योगदान को याद किया जाता है। बाबा साहेब निचले तबके से तालुक रखते थे। बचपन से ही समाजिक भेदभाव का शिकार हुए। यही वजह थी कि समाज सुधारक बाबा भीमराव अंबेडकर ने जीवन भर कमजोर लोगों के अधिकारों के लिए लंबा संघर्ष किया। महिलाओं को सशक्त बनाया। इस साल बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती मनाई जा रही है।

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डॉ. भीमराव अंबेडकर से जुड़ी ख़ास बातें

Ambedkar Jayanti 2023 :  14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के महू में रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई ने अपनी सबसे छोटी संतान को जन्म दिया, जिसका नाम था भिवा रामजी अंबेडकर। बाबासाहेब के नाम से पहचाने जाने वाले आंबेडकर अपने 14 भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। डॉ. अंबेडकर अछूत माने जानी वाली जाती महार के थे।ऐसे में वह बचपन से उन्हें भेदभाव और समाजिक दुराव से गुजरना पड़ा।

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ये है बाबा साहेब अंबेडकर की उपलब्धि

Ambedkar Jayanti 2023 :  बालपन से ही बाबासाहेब मेधावी छात्र थे। स्कूल में पढ़ाई में काबिल होने के बावजूद उनसे अछूत की तरह व्यवहार किया जाता था। उस दौर में छुआछूत जैसी समस्याएं व्याप्त होने के कारण उनकी शुरुआती शिक्षा में काफी परेशानी आई, लेकिन उन्होंने जात पात की जंजीरों को तोड़ अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया और स्कूली शिक्षा पूरी की।

1913 में अंबेडकर ने अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी से लॉ, इकोनॉमिक्स और पॉलिटिकल साइंस में डिग्री प्राप्त की। उन्होंने भारत में लेबर पार्टी का गठन किया, आजादी के बाद कानून मंत्री बने। दो बार राज्यसभा के लिए सांसद चुने गए बाबा साहेब संविधान समिति के अध्यक्ष रहे। समाज में समानता की अलख जलाने वाले अंबेडकर को 1990 में भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया।

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इसलिए मनाई जाती है डॉ. भीमराव आंबेडकर जयंती

Ambedkar Jayanti 2023 :  डॉ. भीमराव अंबेडकर ने कमजोर और पिछड़ा वर्ग को समान अधिकार दिलाने, जाति व्यवस्था का कड़ा विरोध कर समाज में सुधार लाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। यही वजह है कि बाबा साहेब की जयंती को भारत में जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न जैसी सामाजिक बुराइयों से लड़ने, समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने जाति व्यवस्था का कड़ा विरोध कर समाज में सुधार लाने का काम किया है।

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