'मुलाकात के दो दिनों में बना लिया शारीरिक संबंध..यानी चरित्रहीन है लड़की', हाई कोर्ट ने जाहिर की आपत्ति | 'Body relationship was made in two days of meeting ..ie girl is characterless', High Court expressed objection

‘मुलाकात के दो दिनों में बना लिया शारीरिक संबंध..यानी चरित्रहीन है लड़की’, हाई कोर्ट ने जाहिर की आपत्ति

'मुलाकात के दो दिनों में बना लिया शारीरिक संबंध..यानी चरित्रहीन है लड़की', हाई कोर्ट ने जाहिर की आपत्ति

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:07 PM IST, Published Date : November 3, 2021/4:24 pm IST

प्रयागराज। Dating sites order: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि किसी शख्स के डेटिंग वेबसाइट पर ऐक्टिव होने के आधार पर उसकी नैतिकता का आकलन नहीं किया जा सकता है। यह टिप्पणी हाई कोर्ट ने बलात्कार के आरोपित की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील की दलील पर की है।

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दलील में कहा गया था कि पीड़िता आरोपित से डेटिंग साइट पर संपर्क में आई और चौथे ही दिन उससे मिलने पहुंच गई। ऐसे में पीड़िता की नैतिकता संदेहास्पद है। कोर्ट ने इसे नहीं माना और अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। पीड़िता ने आरोपित के खिलाफ शादी का वादा कर शारीरिक संबंध बनाने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवाई थी। दर्ज केस के मुताबिक आरोपित और पीड़िता दोनों एक डेटिंग साइट के जरिए संपर्क में आए।

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आरोप है कि डेटिंग साइट पर मिलने के चौथे ही दिन दोनों की आमने-सामने मुलाकात हुई। आरोपित ने पीड़िता से यह कह कर शारीरिक संबंध बनाए कि वह उससे शादी करेगा, लेकिन बाद में वह शादी करने की बात से मुकर गया। केस दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपित नोएडा निवासी अभय चोपड़ा ने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की। अर्जी पर जिरह के दौरान आरोपित पक्ष के वकील ने दलील दी कि दोनों के संपर्क में आने के महज चार दिन के भीतर ही शारीरिक संबंध बने। इससे साबित होता है कि यह आपसी सहमति का मामला है।

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यह भी कहा गया कि आरोपित ने पीड़िता से शादी का कोई वादा नहीं किया था, ऐसे में रेप का आरोप गलत है। जस्टिस विवेक अग्रवाल ने इस तर्क को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि आरोपित अदालत में समर्पण कर कार्यवाही में सहयोग करने के लिए स्वतंत्र है। वह संबंधित कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल कर सकता है। कोर्ट इस आदेश में की गई टिप्पणियों से प्रभावित हुए बिना मेरिट के आधार पर अपना फैसला सुनाएगा।

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दो बालिग अगर किसी डेटिंग साइट पर मिलते हैं और चौथे दिन आमने-सामने की मुलाकात के दौरान उनमें विश्वास पैदा होता है, जिसके आधार पर वह शारीरिक संबंध बनते हैं तो इससे किसी के चरित्र का आकलन या उसकी नैतिकता तय नहीं की जा सकती।

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