बोम्मई ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले जद(एस) के साथ गठबंधन पर बातचीत के संकेत दिए

बोम्मई ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले जद(एस) के साथ गठबंधन पर बातचीत के संकेत दिए

Modified Date: July 16, 2023 / 08:39 pm IST
Published Date: July 16, 2023 8:39 pm IST

(फाइल फोटो के साथ)

हुबली (कर्नाटक), 16 जुलाई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता बसवराज बोम्मई ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले जनता दल (सेक्युलर) के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल होने के संबंध में बातचीत का संकेत दिया।

पूर्व मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि चर्चा के नतीजे भविष्य के राजनीतिक घटनाक्रम को निर्धारित करेंगे।

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राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने कहा कि जद (एस) पर भाजपा की ‘बी-टीम’ होने का उसका आरोप अब साबित हो गया है। कांग्रेस ने घटनाक्रम पर कटाक्ष करते हुए जद (एस) को ‘‘अवसरवादी पार्टी’’ बताया, जो सत्ता के लिए किसी के भी साथ हाथ मिलाने के लिए तैयार है।

जद (एस) के राजग में शामिल होने की संभावना पर एक सवाल के जवाब में बोम्मई ने कहा, ‘‘यह हमारे नेतृत्व और जद (एस) अध्यक्ष एच डी देवेगौड़ा के बीच चर्चा पर निर्भर करता है।’’

उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा कि जद(एस) नेता एच डी कुमारस्वामी ने कुछ भावनाएं व्यक्त की हैं और उस दिशा में चर्चा जारी रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य का राजनीतिक घटनाक्रम उन चर्चाओं के नतीजों पर आधारित होगा।’’

हाल में, भाजपा और जद(एस) के नेताओं की ओर से लोकसभा चुनाव से पहले दोनों पार्टियों के बीच सहमति बनने के पर्याप्त संकेत मिले हैं। भाजपा के कद्दावर नेता बी एस येदियुरप्पा ने कहा था कि उनकी पार्टी और जद(एस) साथ मिलकर राज्य में कांग्रेस सरकार से लड़ेंगे।

कुमारस्वामी ने कहा था कि लोकसभा चुनाव के लिए चुनावी समझौते का फैसला समय पर लिया जाएगा।

ऐसी खबरें आई थीं कि कुमारस्वामी ने नयी दिल्ली की अपनी हालिया यात्रा के दौरान भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी।

भाजपा ने कर्नाटक में 2019 के लोकसभा चुनावों में राज्य की कुल 28 सीट में से 25 सीट पर जीत दर्ज की, जबकि एक सीट पर उसके समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की। कांग्रेस और जद(एस) ने एक-एक सीट हासिल की।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि ने कहा कि राजनीति ‘‘स्थिर नहीं, बहता पानी है और राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता है।

उन्होंने कहा कि कोई भी राष्ट्रीय हित और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हो रहे विकास कार्यों को ध्यान में रखते हुए राजग या भाजपा में शामिल हो सकता है। रवि ने कहा, ‘‘जद (एस) के साथ गठबंधन के संबंध में हमारे स्तर पर कोई चर्चा नहीं हुई है। अगर उच्च स्तर पर ऐसा हुआ है, तो मुझे इसकी जानकारी नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं सत्ता में आने का ख्वाब देख रहे संप्रग के साथ जाने के बजाय देश के हित को ध्यान में रखते हुए भाजपा के साथ जाने का फैसला करने के लिए देवेगौड़ा की सराहना करता हूं। देवेगौड़ा और कुमारस्वामी देश के हित में राजग के पक्ष में हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन पर फैसला पार्टी नेतृत्व करेगा।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मंत्री एच के पाटिल ने कहा कि उनके अनुसार, देवेगौड़ा जैसे कद का नेता किसी ‘‘सांप्रदायिक पार्टी’’ के साथ नहीं जाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी प्रारंभिक राय यह है कि इस संबंध में मीडिया की खबरें झूठी हो सकती हैं।’’

स्वास्थ्य मंत्री और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रमुख दिनेश गुंडू राव ने कहा, ‘‘हमने कई बार कहा है कि जद (एस) भाजपा की बी-टीम है। अब, कुमारस्वामी यह प्रदर्शित करने जा रहे हैं कि हमारे शब्द सच हैं।’’

उन्होंने कहा कि जद (एस) की कोई विचारधारा नहीं है। उन्होंने कहा, जद (एस) की कौन सी विचारधारा है जो सांप्रदायिक पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन करने जा रही है? यह एक अवसरवादी पार्टी है।’’

कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति को लेकर एक सवाल पर बोम्मई ने कहा, ‘‘हां नियुक्ति नहीं हुई है…संभवत: यह 18 जुलाई के बाद हो सकती है।’’ विधानमंडल सत्र शुरू होने के दो सप्ताह बाद भी राज्य में प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने अभी तक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति नहीं की है।

देरी के लिए पार्टी को राज्य में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस सहित विभिन्न वर्गों से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री वी सोमन्ना के कांग्रेस में शामिल होने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ये महज अटकलें हैं।

भाषा आशीष रंजन

रंजन


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