रायपुऱ । छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने राजभवन मार्च कर केंद्र सरकार के खिलाफ जबरदस्त विरोध जताया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि SBI और LIC में आम जनता का पैसा है, जिसे को केंद्र सरकार ने अदाणी को दे दिया है, इसकी जांच होनी चाहिए। इधर, मोर आवास मोर अधिकार आंदोलन के तहत बीजेपी 15 मार्च को विधानसभा का घेराव कर सरकार के खिलाफ बड़ा शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी में जुटी हुई है। प्रदर्शन बनाम प्रदर्शन की इस राजनीति का आम जनता से क्या सरोकार है और इससे आम लोगों को क्या फायदा-नुकसान है। ऐसे तमाम मुद्दों पर चर्चा के लिए आज हमारे साथ खास मेहमान जुड़ रहे हैं।
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छत्तीसगढ़ में आरोप पर प्रत्यारोप और वार पर पलटवार के बाद प्रदर्शन के जवाब में प्रदर्शन की राजनीति हो रही है। 13 मार्च को कांग्रेस ने राजभवन मार्च किया तो अब 15 मार्च को बीजेपी विधानसभा का घेराव करेगी। दरअसल, कारोबारी गौतम अदाणी के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर कांग्रेस ने राजभवन मार्च कर राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन को ज्ञापन सौंपा है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार सदन में सवालों का जवाब नहीं दे पा रही इसलिए सड़क पर उतरना पड़ा है। इधर, बीजेपी ने भी शक्ति प्रदर्शन की तैयारी कर रखी है।बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस के प्रदर्शन को आत्मरक्षा बताया तो दूसरी ओर PM आवास के मुद्दे पर विधानसभा घेराव करने का भी प्लान रेडी है।
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चुनावी मैदान में उतरने से पहले.. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां सड़क पर उतर चुकी हैं। प्रेशर पॉलिटिक्स की इस ट्रिक्स से किसे फायदा होगा और किसे नुकसान.. ये जनता तय करेगी क्योंकि लोकतंत्र में जनता ही जनार्दन है और चंद महीनों बाद तमाम सियासी दलों को जनता की अदालत में जाना तय है।
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