किसान के बेटे ने किया जिले का नाम रौशन ,धर्मराज धाकड, नीमच
किसान के बेटे ने किया जिले का नाम रौशन ,धर्मराज धाकड, नीमच
सफलता संसाधन की मोहताज नहीं होती। यह सिद्ध कर दिखाया है एक किसान के बेटे धर्मराज ने। धर्मराज ने सीमित संसाधन और अभावों के बीच अपनी इच्छा शक्ति और कठिन परिश्रम के बल पर 12वीं की परीक्षा में यह सफलता हासिल की है। उसने प्रदेश की प्रावीण्य सूची में चैथा स्थान प्राप्त किया है।
एक गरीब किसान के बेटे ने अपने गांव व जिले का भी पूरे प्रदेश मे नाम रोशन किया है। नीमच के उत्कृष्ट विद्यालय के कक्षा 12वीं के छात्र धर्मराज धाकड़ ने प्रदेश की प्रावीण्य सूची में चैथा स्थान प्राप्त किया। धर्मराज ने कॉमर्स विषय के साथ कक्षा 12वीं की परीक्षा मे 500 में से 480 अंक हासिल किए। धर्मराज जिले के पिछड़े क्षेत्र सिंगोली तहसील के एक छोटे से गांव मानपुरा के रहने वाले हैं। पढ़ने में होशियार धर्मराज 10वीं तक पढ़ने के लिए अपने गांव से दूसरे गांव साइकिल से जाता था। उत्कृष्ट विद्यालय में दाखिले के बाद वह नीमच आकर पढ़ने लगे। पढ़ाई मे लगन देखकर परिवार ने भी अभावों के बावजूद उसका पूरा सहयोग किया। धर्मराज अपनी सफलता का श्रेय विद्यायल के शिक्षक व परिवार को देते हैं। धर्मराज पूरे संभाग में सबसे अधिक नंबर लाने वाले छात्र हैं। धर्मराज के पिता सत्यनारायण धाकड़ और माता घीसीबाई खेती करते हैं। धर्मराज से बड़ी दो बहनें हैं जो खेती में पिता का हाथ बंटाती हैं। धर्मराज अब भीलवाड़ा में सीए की तैयारी कर रहा है। वह अपनी इस सफलता का श्रेय विद्यालय के शिक्षकों व माता-पिता को देता है। धर्मराज को सोशल मीडिया का उपयोग करना पसंद नही है। धर्मराज सीए बनना चाहता है और उसकी तैयारियों में लगा हुआ है। उसे क्रिकेट और कैरम बोर्ड खेलने का बहुत शौक है। परिवार से दूर रहकर भी वह बिना दबाव के पढ़ाई पूरी शिद्दत से कर रहा है। वह रोजाना छह से सात घंटे पढ़ाई करता है।

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