महात्मा गांधी और जिन्ना दोनों मानते थे उन्हें अपना राजनीतिक गुरु, जानें कौन है भारत के वो महान स्वतंत्रता सेनानी
Gopal Krishna Gokhale Death Anniversary भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी गोपाल कृष्ण गोखले की 108वीं पुण्यतिथि आज
Gopal Krishna Gokhale Death Anniversary
Gopal Krishna Gokhale Death Anniversary: आज महान स्वतंत्रता सेनानी गोपाल कृष्ण गोखले की पुण्यतिथि है। गोखले मोहनदास करमचंद गांधी और मोहम्मद अली जिन्ना के राजनीतिक गुरु थे। गोखले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में थे।गोपाल कृष्ण गोखले, ये वही नेता हैं जिसने सरकार द्वारा किसानों के हित के लिए बताए जा रहे विधेयक के विरोध में लेजिस्टलेटिव बार काउंसिल से वॉक आउट कर दिया था। इनकी राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण की वजह से महात्मा गांधी और जिन्ना दोनों ही इन्हें अपना राजनैतिक गुरु मानते थे। गांधी और जिन्ना गोपालकृष्ण गोखले को क्यों अपना राजनैतिक गुरु मानते थे, इसे जानने के लिए सबसे पहले गोपाल कृष्ण गोखले के बारे में कुछ बाते जान लेनी चाहिए।
Gopal Krishna Gokhale Death Anniversary: गोपाल कृष्ण गोखले का जन्म 9 मई 1866 ई में जिला रत्नागिरी, तालुका गुहागर के कोथलुक नामक गांव में हुआ था। उनके पिता चाहते थे कि गोखले अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सके और ब्रिटिश राज में कोई छोटी-मोटी नौकरी कर सकें। इन कठिनाईयों के बीच गोपाल कृष्ण गोखले ने अपना ग्रैजुएशन एल्फींस्टन कॉलेज से पूरा किया। इनके पिता का नाम कृष्णा राव गोखले और माता वालुबाई गोखले था। गोखले ने दो शादियां की थी। पहली पत्नी का नाम सावित्रीबाई था जो असाध्य रोग से पीड़ित थी। इसके बाद गोखले ने दूसरी शादी की थी, जिनसे दो बेटियां हुई। 1899 में उनकी पत्नी की मत्यु हो गई थी।
Gopal Krishna Gokhale Death Anniversary: गोखले सन 1889 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बने। वे हमेशा जनता की परेशानियों के लिए कार्यरत रहे। कुछ समय के बाद बाल गंगाधर तिलक के साथ गोखले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के जॉइंट सेक्रेटरी बन गए। हालांकि दोनों में काफी मतभेद थे जिसकी वजह से सन् 1905 में गोखले कांग्रेस के अध्यक्ष बन गए और कांग्रेस को भागों में बट गई। जहां तिलक ब्रिटिश सरकार को क्रांति कर आजादी लेना चाहते थे तो वहीं गोखले शांतिपूर्ण वार्ता और समन्वयवादी नेता थे।
Gopal Krishna Gokhale Death Anniversary: कांग्रेस के अध्यक्ष बनने के बाद गोखले ने सर्वेन्ट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी की स्थापना की। इसके पीछे गोखले का मकसद था कि भारतीयों को जागरुक और शिक्षित करना। इस सोसाइटी ने कई स्कूल, कॉलेज की स्थापना की गई।
गांधी और जिन्ना मानते थे अपना राजनैतिक गुरु
Gopal Krishna Gokhale Death Anniversary: सन् 1912 में गांधीजी के आमंत्रण पर गोखले ने दक्षिण अफ्रीका की यात्रा की। यात्रा के बाद गांधी और गोखले ने एक साथ कई महीने साथ बिताएं। उस दौरान गांधी जी नए-नए बैरिस्टर बने थे और साउथ अफ्रीका में अपने आंदोलन के बाद भारत लौटे थे। इसका जिक्र उन्होंने खुद अपनी आत्मकथा में किया था। उन्होंने भारत के बारे में और भारतीय विचारों को करीब से जानने व समझने के लिए गोखले का साथ चुना और उनके परामर्श के अनुसार कार्य किए।
Gopal Krishna Gokhale Death Anniversary: ऐसा नहीं था कि गोखले सिर्फ गांधी को प्रिय थे या अपना उन्हें राजनैतिक गुरु मानते थे। उस समय के एक और नेता मोहम्मद अली जिन्ना गोखले से इतने प्रभावित थे। जिन्ना ने एक तकरीर के दौरान कहा था कि अगर मैं मुसलमान गोखले बन सका तो मेरा जीवन सफल होगा। कुछ इस तरह थे गोपालकृष्ण गोखले।
गोखले की मृत्यु
Gopal Krishna Gokhale Death Anniversary: गोखले अपना सारा जीवन भारत को को आजाद और राजनैतिक सक्रियता में दे दिया। उनकी मृत्यु सन 19 फरवरी सन् 1915 को हुई। उस वक्त उनकी उम्र महज 49 वर्ष की थी। उनकी मृत्यु का एक वायका बेहद ही मशहूर है। जब उनके शव के पास आकर उनके प्रतिद्वंदी रहे बाल गंगाधर तिलक ने कहा था कि भारत का लाल, मजदूरों का रामकुमार यहां विश्राम ग्रहण कर रहा है। उनकी ओर देखिए और उनके जैसा आचरण करने का प्रयास करिए।

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