धार्मिक नगरी सतना में मुकाबला त्रिकोणीय, बसपा दे सकती है कांग्रेस- बीजेपी को टक्कर, जातीय समीकरण की बड़ी भूमिका

धार्मिक नगरी सतना में मुकाबला त्रिकोणीय, बसपा दे सकती है कांग्रेस- बीजेपी को टक्कर, जातीय समीकरण की बड़ी भूमिका

धार्मिक नगरी सतना में मुकाबला त्रिकोणीय, बसपा दे सकती है कांग्रेस- बीजेपी को टक्कर, जातीय समीकरण की बड़ी भूमिका
Modified Date: November 29, 2022 / 07:52 pm IST
Published Date: May 2, 2019 12:43 pm IST

सतना । सीमेंट हब के तौर पर विख्यात सतना, मध्यप्रदेश के औद्योगिक नगरों में शामिल है। लेकिन औद्योगिक नगरी होने के बावजूद ये इलाका विकास के नाम पर उपेक्षित ही रहा है। आज भी यहां के बाशिंदे सड़क और पानी जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए तरस रहे हैं। सतना लोकसभा के लिए विकास के नाम पर यहां बड़े- बड़े मॉडल तो तैयार किए गए हैं, लेकिन वो फाइलों में ही दबकर रह गए हैं। वर्तमान में यहां पर भाजपा का कब्जा है। बीजेपी ने गणेश सिंह को टिकट दी है, जो पिछली तीन बार से सतना से सांसद चुने जा रहे हैं।

कुल विधानसभा सीट-7 

सतना लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 7 सीटें आती हैं, जिसमें चित्रकूट, नागौद, रामपुर-बाघेलान, रायगांव, मैहर, सतना और अमरपाटन विधानसभा सीटें शामिल हैं।

लोकसभा चुनाव 2019 : प्रत्याशी

सतना से भाजपा के गणेश सिंह मैदान में हैं, कांग्रेस ने ब्राह्मण वोट को साधने के लिए राजाराम त्रिपाठी को टिकट दिया है। बसपा के अच्छे लाल कुशवाहा भी पूरा जोर लगा रहे हैं। कांग्रेस की ओर से इस सीट पर जीत दर्ज करने वाले अर्जुन सिंह आखिरी नेता थे। 1991 के चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की थी। उसके बाद से लगातार ये सीट भाजपा के कब्जे में रही है। पिछले तीन लोकसभा चुनावों में जीत हासिल करके गणेश सिंह हैट्रिक लगा चुके हैं।

 ⁠

राजनैतिक इतिहास

सतना में चुनाव की शुरुआत 1967 में हुई। पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के डीवी सिंह यहां से चुनाव जीते थे। 1977 में इस सीट से भारतीय लोकदल को जीत मिली और सुखेंद्र सिंह यहां से सांसद निर्वाचित होकर संसद में पहुंचे। 1980 में हुए चुनाव में कांग्रेस के गुलशेर अहमद ने इस सीट पर विजय पताका फहराई।1984 में इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अजीज कुरैशी निर्वाचित हुए। 1989 में अजीज कुरैशी को हार का सामना करना पड़ा और भारतीय जनता पार्टी के सुखेंद्र सिंह निर्वाचित हुए। इसके बाद मतदाताओं का रुझान भाजपा की तरफ बढ़ने लगा तो 1991 में कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह को मैदान में उतारा और अर्जुन सिंह ने भाजपा प्रत्याशी को हराकर इस सीट पर कब्जा कर लिया। लेकिन 1996 में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को यहां से जीत मिली। 1998 के चुनाव में भाजपा ने फिर से इस पर कब्जा कर लिया। उसके बाद से यह सीट भाजपा के ही पास है।

चुनावी मुद्दे

मध्य प्रदेश का जिला सतना,राजस्व देने के मामले में प्रदेश के अव्वल जिलों में शामिल है। सतना में बड़ी-बड़ी कंपनियां सीमेंट फैक्ट्रीज़ चला रही हैं लेकिन एक सच ये भी है कि विकास के नाम पर लोगों की सेहत और पर्यावरण से खिलवाड़ किया जा रहा है। ये सीमेंट फैक्ट्रियां नियम कायदों को दरकिनार कर आबोहवा में जहर घोल रही हैं। फैक्ट्रियों के प्रदूषण से लोग बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। फैक्ट्रियों के प्रदूषित पानी ने इलाके में भूजल को भी प्रदूषित कर दिया है। सीमेंट के रॉ मटेरियल की डस्ट से खेत बंजर हो रहे हैं। इसके अलावा जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं भी लचर हैं। सरकारी कागजों में भले सतना को कुपोषण मुक्त दिखा दिया गया हो लेकिन हकीकत ये है कि जिले के कई गांवों में कुपोषण के हालात गंभीर हैं। लंबे समय से मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग भी अब तक पूरी नहीं हो पाई है।आने वाले चुनाव में विकास का मुद्दा ही सबसे बड़ा होने वाला है। वैसे इस सीट पर जातीय समीकरण भी हार जीत में बड़ी भूमिका निभाते है।

2014 में लोकसभा की स्थिति

मध्य प्रदेश की सतना लोकसभा सीट पर 2014 के आम चुनाव में BJP के गणेश सिंह ने जीत दर्ज की थी ।गणेश सिंह को 3,75,288 वोट मिले थे । कांग्रेस के अजय सिंह को 3,66,600 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे थे।
जीत का अंतर रहा- 8,688

जनसंख्या और अन्य आंकड़े 

2011 की जनगणना के मुताबिक सतना की जनसंख्या 22,28,935 है। यहां की 78.72 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्र और 21.28 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है। सतना में 17.88 फीसदी जनसंख्या अनुसूचित जाति और 14.36 फीसदी जनसंख्या अनुसूचित जनजाति के लोगों की है। चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक 2014 के चुनाव में यहां पर 14,58, 084 थे। इसमें 6,86,058 महिला मतदाता और 7,72,027 पुरुष मतदाता थे। 2014 के चुनाव में इस सीट पर 62.65 फीसदी वोटिंग हुई थी। सतना लोकसभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी का भी अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है। सतना लोकसभा सीट पर चुनाव 6 मई को होंगे और नतीजे 23 मई को घोषित किए जाएंगे।

  1. सतना जिले का भौगोलिक और जनसंख्या आंकलन

  2. रीवा संभाग का प्रमुख जिला

  3. क्षेत्रफल  7502 वर्ग किमी

  4. लिंगानुपात सिर्फ 926

  5. साक्षरता की दर 72.26 फीसदी

  6. कुल विधानसभा सीट-7

  7. 3 विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा

  8. 3 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस काबिज

  9. 1 सीट पर बीएसपी का कब्जा

  10. बीजेपी के गणेश सिंह लगातार 3 बार से सतना के सांसद

  11. खनिज संपदा के चलते संचालित हैं 6 सीमेंट फैक्ट्रियां

  12. मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी

  13. सतना के मैहर में स्थित है मां शारदा का धाम

  14. भगवान राम ने बिताए वनवास के 11 साल

  15. चित्रकूट मानी जाती है भगवान राम की तपोभूमि


लेखक के बारे में