#स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप 2022 : बोर्ड परीक्षा में मनोरमा दास ने लहराया अपना परचम, महासमुंद जिले में किया टॉप, सीएम भूपेश ने किया सम्मानित

#स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप 2022 : बोर्ड परीक्षा में मनोरमा दास ने लहराया अपना परचम : Manorama Das waved her flag in the board exam

#स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप 2022 : बोर्ड परीक्षा में मनोरमा दास ने लहराया अपना परचम, महासमुंद जिले में किया टॉप, सीएम भूपेश ने किया सम्मानित
Modified Date: November 29, 2022 / 09:42 am IST
Published Date: July 7, 2022 9:23 pm IST

रायपुरः अपने सामाजिक सरोकारो को निभाते हुए IBC24 समाचार चैनल हर साल स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप सम्मान से जिले की टॉपर बेटियों को सम्मानित करता है। इस वर्ष भी प्रदेश टॉपर बेटी-बेटियों को IBC24 स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप से सम्मानित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से आयोजित बोर्ड परीक्षा में महासमुंद जिले की मनोरमा दास ने अपना परचम लहराया है। कड़ी मेहनत से मनोरमा दास ने कॉमर्स ग्रुप में 463 अंक हासिल कर जिले में पहला स्थान प्राप्त किया है। उनके इस मेहनत के लिए IBC24 समाचार चैनल की ओर से स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप प्रदान किया जा रहा है।

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सीजी-पीएससी करके परिवार को खुशियां देना चाहती हैं मनोरमा

मनोरमा दास कहती है कि मेरे पापा नहीं हैं। मां, मैं और एक भाई व दीदी हैं। बसना के स्कूल तक आने के लिए मुझे 8 किलोमीटर मेरे गांव डूमरपाली से पैदल सफर करना पड़ता था। इसमें कभी लिफ्ट मिल जाती थी। कभी मित्रों की मदद से बस में आ जाती थी। परिवार में पिता नहीं हैं, तो आर्थिक हालत बहुत नाजुक हैं। मां, भाई, दीदी सब मिलकर किसी तरह से घर चलाते हैं। इसलिए मैंने सोचा था कि मैं पढ़ाई में कोई कमी नहीं करूंगी। जितनी हो सकेगी मेहनत करूंगी। जल्द से जल्द कोई नौकरी करके घर की आर्थिक हालत सुधारना चाहती हूं। मूलभूत शिक्षा ही हम जैसे परिवारों को मिल जाए तो बड़ी बात होती है। लेकिन मेरे परिवार में ऐसा नहीं है। मेरा पूरा परिवार मुझे अच्छे से अच्छा और ऊंचे से ऊंचा एजुकेशन दिलाने के लिए सब कुछ करने तैयार है। मेरा भी ध्येय है कि मैं फिलहाल ग्रेजुएशन में बीकॉम में करूंगी। इसके बाद छत्तीसगढ़ पीएससी की तैयारी में जुट जाऊंगी। मुझे अपने ऊपर पूरा भरोसा है। इसे जरूर निकाल लूंगी। मेरा ख्वाब है कि जल्द से जल्द अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधार सकूं। अफसर बनकर यह और अच्छे ढंग से हो सकता है। मां का त्याग, दीदी का संघर्ष और भाई का समर्पण मुझे एक दिन जरूर किसी अच्छे मुकाम तक लेकर जाएगा। मैं अपने आपको सदा तरोताजा रखना चाहती हूं। ज्यादा तनाव से काम नहीं होता। इसलिए समय जब मिलता है तो हिंदी गाने गाती हूं। मुझे गाने का बहुत शौक है। कराओके के साथ गाना और अच्छा लगता है। आईबीसी-24 की ओर से स्वर्ण शारदा मेरे जैसी बेटियों के लिए वरदान है। हम सब परिवार के लोग रायपुर में रहकर आजीविका चला रहे हैं।

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लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।