No more Latter box: भोपाल। एक दौर था जब अपनी बात दूसरे शहर और परिजनों तक पहुंचाने के लिए एक मात्र साधन चिट्ठियां हुआ करती थी। जिसमें जिंदगी से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात को कागज में लिखकर उसे लिफाफे में बंद करके लेटर बॉक्स में डाल देते थे। उन दिनों लाल रंग का वह लेटर बॉक्स हर कहीं दिख जाता था। लेकिन अब इंटरनेट ने लेटर बॉक्स की जगह ले ली है।
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No more Latter box: पिछले तीन सालों में मप्र के शहर और गांवों के मुख्य चौराहों पर लगे 5 हजार से ज्यादा लेटर बॉक्स हटा दिए गए हैं। डाक विभाग की ओर से जारी वार्षिक रिपोर्ट में ये आकड़ा सामने आया है। 2018 से 2022 के दौरान 5,337 लेटर बॉक्स प्रदेश के विभिन्न चौक-चौराहे और मोहल्ले से हटाए जा चुके हैं। साल 2018-2019 में कुल लेटर बॉक्स की संख्या 38,409 थी, जो 2021-2022 में 31 मार्च में घटकर 33,072 रह गई। डाक विभाग ने इन्हें हटा दिया। जिससे 5,337 लेटर बॉक्स कम हो गए हैं।
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No more Latter box: मोबाइल और इंटरनेट के आने से आमजन में चिट्ठी-पत्री लिखने का चलन कम हो गया। जिससे लेटर बॉक्स खाली पड़े रहते हैं। कुछ जगहों पर कई-कई दिनों तक लेटर बॉक्स खुलते तक नहीं हैं। वक्त के साथ-साथ लोग चिट्ठियों की जगह फोन करने लगे, इंटरनेट आ जाने से चैट करने लगे। अब लोगों को लेटर बॉक्स तो दिखता है लेकिन चिट्ठियां नहीं।
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No more Latter box: चौक-चौराहे पर लगे लेटर बॉक्स खाली पड़े रहते है। जिससे डाक घरों में भी कमी देखने को मिली है। पिछले तीन साल में लेटर बॉक्स की संख्या में काफी कमी आई है, वहीं दूसरी ओर डाकघरों की संख्या में खास कमी नहीं हुई है। 2018 में प्रदेश में 8280 डाकघर थे, वहीं 2021 में इनकी संख्या 8278 थी। इसका मतलब पिछले तीन साल में 2 डाक घर बंद हो गए।