सामूहिक प्रार्थना के नियमों को थोपा नहीं जा सकता, आर्कबिशप की पहल स्वागत योग्य : समिति

सामूहिक प्रार्थना के नियमों को थोपा नहीं जा सकता, आर्कबिशप की पहल स्वागत योग्य : समिति

Modified Date: December 17, 2023 / 09:14 pm IST
Published Date: December 17, 2023 9:14 pm IST

कोच्चि, 17 दिसंबर (भाषा) सिरो-मालाबार चर्च के एर्नाकुलम-अंगमाली आर्कपर्ची की महाधर्मप्रांत सुरक्षा समिति ने रविवार को कहा कि एकीकृत पवित्र प्रार्थना को लेकर उत्पन्न विवाद का समाधान इस थोपकर नहीं किया जा सकता है।

समिति ने हालांकि चर्च के वैधानिक विवाद को सुलझाने के लिए पोप के प्रतिनिधि आर्कबिशप सिरिल वासिल के आने का स्वागत किया।

समिति ने दावा किया कि जब आर्कबिशप वासिल एकीकृत सामूहिक प्रार्थना मुद्दे का समाधान करने के लिए इस साल अगस्त में पहली बार महाधर्मप्रांत के दौरे पर आए थे तब उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि यह चर्चा का विषय नहीं है और एक ही नियम से सामूहिक प्रार्थना करने के विधान को लागू करने के इच्छुक थे।

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उस समय बातचीत के आर्कबिशप वासिल के प्रयास असफल हो गए थे क्योंकि विरोध करने वालों ने आरोप लगाया था कि उन्हें पूर्व प्रमुख आर्कबिशप कार्डिनल जॉर्ज एलेनचेरी और एपोस्टोलिक प्रशासक एंड्रयूज थाजथ द्वारा गुमराह किया जा रहा था।

समिति ने एक बयान में कहा कि इस बार आर्कबिशप वासिल ने सभी को बातचीत के लिए आमंत्रित करके नरम रुख अपनाया है।

सिरो-मालाबार चर्च धर्मसभा के 2021 के फैसले के अनुसार पादरियों को प्रार्थना से पहले और आखिरी हिस्से में चेहरा अनुयायियों के सामने रखना होगा जबकि प्रार्थना के बाकी समय पवित्र वेदी की ओर मुंह करना होगा।

इस फैसले को अधिकतर धर्म प्रांतों ने स्वीकार कर लिया है लेकिन एर्नाकुलम-अंगमाली महाधर्मप्रांत के अधिकांश पादरी फैसले का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि नये नियम प्रार्थना की पुरानी पंरपरा से पीछे हटना है क्योंकि अभी पादरी प्रार्थना के पूरे समय अनुयायियों की ओर चेहरा कर खड़े होते हैं।

भाषा धीरज प्रशांत

प्रशांत


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