#स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप 2022 : श्रिया पांडे ने 475 अंक हासिल कर धमतरी जिले में किया टॉप, अब कलेक्टर बनने का है सपना, सीएम भूपेश ने किया सम्मानित
#स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप 2022 : श्रिया पांडे ने 475 अंक हासिल कर धमतरी जिले में किया टॉप : Shriya Pandey tops Dhamtari district by securing 475 marks
रायपुरः अपने सामाजिक सरोकारो को निभाते हुए IBC24 समाचार चैनल हर साल स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप सम्मान से जिले की टॉपर बेटियों को सम्मानित करता है। इस वर्ष भी प्रदेश टॉपर बेटी-बेटियों को IBC24 स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप से सम्मानित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से आयोजित बोर्ड परीक्षा में धमतरी जिले की श्रिया पांडे ने अपना परचम लहराया है। कड़ी मेहनत से श्रिया पांडे ने कॉमर्स ग्रुप में 475 अंक हासिल कर जिले में पहला स्थान प्राप्त किया है। उनके इस मेहनत के लिए IBC24 समाचार चैनल की ओर से स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप प्रदान किया जा रहा है।
पापा करवाते हैं पूजा-पाठ, बेटी श्रिया का दृढ़ संकल्प बनूंगी कलेक्टर
श्रिया पांडे बताती है कि मैंने पापा से वादा किया था, देखना टॉप-10 में आऊंगी। आज जब इस मुकाम को हासिल कर लिया है तो मन में खुशी है। पापा को किया वादा निभा पाई इसके लिए खुद की मेहनत और घर वालों के सहयोग को क्रेडिट देती हूं। मैं एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हूं। पापा पूजा-पाठ का काम करते हैं। इसीसे हमारा घर चलता है। मां गृहिणी हैं। संसाधनों की कमी रहना स्वाभाविक है, लेकिन माता-पिता अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ते। मेरे हाथ में पूरे मनोयोग से मेहनत है। इसमें मैं कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। इसलिए अपनी पढ़ाई की नीति ऐसी बनाई कि रोजाना करीब 7 से 8 घंटे तक पढ़ती थी। विषय के साथ हर तरह से खुद को तैयार किया। कोई ऐसा स्टडी कॉर्नर नहीं छोड़ा जहां मैं वीक पड़ूं। हर स्तर पर अपने आपको साबित करना चाहती हूं। मेरे अरमान हैं कि एक दिन आईएएस बनूं और छत्तीसगढ़ में ही सेवाएं दूं। फिलहाल बीकॉम ऑनर्स में इकॉनॉमिक्स की पढ़ाई करूंगी। फिर ग्रेजुएशन के बाद यूपीएससी की तैयारी में जुट जाऊंगी। सीए बनने का भी विचार है। इसके लिए पूरा करियर पाथ डिजाइन किया हुआ है। आने वाले दिनों में इसे और अधिक सही ढंग से आगे बढ़ाऊंगी। आईबीसी-24 एक निष्पक्ष न्यूज चैनल है। इसकी ओर से दी जाने वाली स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप वास्तव में हम बेटियों का हौसला बढ़ाती है। ऐसे प्रोत्साहन से ही हम लोगों में कुछ कर गुजरने का जज्बा आता है। पापा का नाम रोशन करने की संकल्प है। उनकी ईश्वर के लिए कराई गई पूजा व पाठ का नतीजा है कि मुझे अपनी मेहनत का फल मिल रहा है।

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