आईआईटी मद्रास के जंजीबार परिसर में पहला अकादमिक सत्र अक्टूबर से शुरू होगा, दो पूर्णकालिक कोर्स होंगे
आईआईटी मद्रास के जंजीबार परिसर में पहला अकादमिक सत्र अक्टूबर से शुरू होगा, दो पूर्णकालिक कोर्स होंगे
नयी दिल्ली, 10 जुलाई (भाषा) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के देश से बाहर तंजानिया के जंजीबार स्थित परिसर में पहला अकादमिक सत्र इस वर्ष अक्टूबर से शुरू होगा जिसमें शुरू में दो पूर्णकालिक पाठ्यक्रम प्रारंभ किये जायेंगे। संस्थान के निदेशक वी कामकोटि ने सोमवार को यह जानकारी दी।
भारत से बाहर विदेश में पहला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जंजीबार-तंजानिया में स्थापित किया जा रहा है। आईआईटी मद्रास ने अपना पहला परिसर जंजीबार में स्थापित करने की पिछले सप्ताह घोषणा की थी।
जंजीबार-तंजानिया में आईआईटी मद्रास का परिसर स्थापित करने के लिए भारत के शिक्षा मंत्रालय, आईआईटी मद्रास और तंजानिया के शिक्षा एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण मंत्रालय के बीच पांच जुलाई 2023 को एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गये थे।
आईआईटी मद्रास के निदेशक वी कामकोटि ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ जंजीबार में आईआईटी मद्रास कैंपस खुलना संस्थान के इतिहास में मील का पत्थर है। हमें विश्वास है कि इसके माध्यम से हम जंजीबार में उच्च शिक्षा के सुनहरे भविष्य में सक्रिय योगदान देंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ पहले शैक्षणिक 2023-24 की कक्षाएं अक्टूबर 2023 से शुरू होंगी। इस परिसर में दो पूर्णकालिक कार्यक्रम शुरू होंगे । इसमें डाटा साइंस और कृत्रिम बुद्धिमता में चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम तथा डाटा सांइस एवं कृत्रिम बुद्धिमता में दो वर्षीय मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी शामिल है।’’
कामकोटि ने कहा, ‘‘ कुल 70 छात्रों को दाखिला दिया जायेगा जिसमें से 50 छात्र स्नातक स्तर पर और 20 छात्र स्नातकोत्तर कार्यक्रम के लिए होंगे। शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए आवेदन प्राप्त करने का कार्य शुरू कर दिया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ प्रारंभ में इस परिसर के लिए शिक्षक आईआईटी मद्रास से प्रतिनियुक्त किए जाएंगे या भारत से ही नियुक्ति की जाएगी।’’
आईआईटी मद्रास के निदेशक ने कहा कि स्थानीय प्रतिभाओं के विकास और उन्हें बतौर शिक्षक नियोजित करने की दिशा में भी कार्य शुरू कर दिया गया है।
कामकोटि ने कहा, ‘‘ आईआईटी मद्रास के जंजीबार परिसर का ढांचा इस प्रकार से तैयार करने की योजना है जिसमें डिग्री पाठ्यक्रम स्कूलों द्वारा चलाये जाएं। इसमें स्कूल ऑफ साइंस एंड इंजीनियरिंग पहला स्कूल होगा जो 2023-24 सत्र के लिये प्रस्तावित दोनों डिग्री कार्यक्रमों की मेजबानी करेगा।’’
निदेशक ने कहा कि अकादमिक कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत योजना पर काम किया जा रहा है और इसमें भारत और जंजीबार के विशेषज्ञों की राय ली जा रही है।
इस परिसर में दाखिला लेने वाले छात्रों को आईआईटी मद्रास की डिग्री प्रदान की जायेगी। इसके तहत अत्याधुनिक अंतःविषयी डिग्री से एक व्यापक समूह को आकर्षित करने की उम्मीद है और इसमें तंजानिया और अन्य देशों के विद्यार्थी भी शामिल होंगे। इसमें भारतीय छात्र भी आवेदन करने के पात्र होंगे।
इसके तहत स्नातक कार्यक्रमों के लिए फीस प्रति वर्ष 12 हजार डालर होगी जबकि स्नातकोत्तर कोर्स के लिए 4 हजार डालर प्रति वर्ष होगी।
वर्तमान में आईआईटी मद्रास का परिसर जंजीबार में बवेल्यो जिले में एक अस्थायी परिसर में संचालित होगा और स्थायी परिसर जंजीबार द्वीप की पूर्वी अफ्रीकी मुख्य भूमि पर 200 एकड़ में तैयार किया जायेगा।
कामकोटि ने कहा कि आईआईटी मद्रास का वैश्विक सम्पर्क कार्यालय छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया का समन्वय हरेगा । इसमें आईआईटी मद्रास के विशेषज्ञ शिक्षक संकायों द्वारा विकसित चयन परीक्षा और साक्षात्कार में शामिल होंगे।
कई देशों से आईआईटी का परिसर स्थापित करने का आग्रह आया है। आईआईटी परिसर को लेकर मिस्र, थाईलैंड, मलेशिया जैसे देशों में बात चल रही है।
आईआईटी मद्रास के डीन (वैश्विक सम्पर्क) प्रो. रघुनाथन रंगास्वामी ने कहा, ‘‘ आईआईटी मद्रास के अंतरराष्ट्रीयकरण के प्रयासों में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।’’
भाषा दीपक
दीपक नरेश
नरेश

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