Chaitra Navratri 2025 6th Day: मां कात्यायनी को समर्पित होता है नवरात्र का छठवां दिन, जानें माता की पूजा विधि, भोग, मंत्र और आरती
मां कात्यायनी को समर्पित होता है नवरात्र का छठवां दिन, The sixth day of Navratri is dedicated to Maa Katyayani
Chaitra Navratri 2025 6th Day
- आज के दिन, छठे नवरात्रि में मां कात्यायनी की पूजा विशेष महत्व रखती है।
- मां कात्यायनी का स्वरूप स्वर्ण के भांति चमकीला है और उनकी चार भुजाएं हैं।
- मां कात्यायनी को शहद या हलवे का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है।
नई दिल्लीः Chaitra Navratri 2025 6th Day शक्ति आराधना का पर्व नवरात्र जारी है। आज छठवें दिन मां कात्यायनी की पूजा की जा रही है। मान्यता है कि मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। आज रवि योग, सौभाग्य योग, शोभन योग, बुधादित्य योग समेत कई शुभ योग भी बन रहे हैं, इन शुभ योग में मां कात्यायनी की पूजा करने से सभी कार्य सिद्ध होंगे और सुख-शांति और समृद्धि में वृद्धि होगी।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, महर्षि कात्यायन ने मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए हजारों वर्षों की कठोर तपस्या की थी। महर्षि की इच्छा थी कि मां भगवती उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लें। मां महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न हुईं और उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लेने का वरदान दिया। महर्षि कात्यायन के यहां जन्म लेने के कारण मां भगवती का नाम कात्यायनी पड़ा।
ऐसा है माता का स्वरूप
Chaitra Navratri 2025 6th Day माता कात्यायनी का स्वरूप का ध्यान भर कर लेने से सभी कष्ट दूर होते हैं और आपके आसपास सकारात्मक ऊर्जा का माहौल बनता है। साथ ही मन से सभी तरह के कुविचार भी दूर हो जाते हैं। माता कात्यायनी का रंग स्वर्ण के भांति चमकीला है और उनकी चार भुजाएं भी हैं। माता की दाएं हाथ की ऊपर वाली भुजा अभय मुद्रा में है और नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में है। वहीं बाईं ओर के ऊपर वाले हाथ में तलवार तो नीचे वाले हाथ में कमल का फूल है।
मां कात्यायनी की पूजा का शुभ मुहूर्त- मां कात्यायनी की पूजा का शुभ मुहर्त सुबह 07 बजकर 02 मिनट पर प्रारंभ होगा और पूरे दिन रहेगा। पूजन का ब्रह्म मुहर्त ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:37 से सुबह 05:23 तक रहेगा।
मां कात्यायनी पूजा विधि- नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा करने के लिए सुबह स्नान आदि करने के बाद पूजा घर की सफाई करें। मां कात्यायनी का ध्यान लगाते हुए उनके चरणों पर पुष्प अर्पित करें। इसके बाद माता को अक्षत, कुमकुम, पुष्प और सोलह श्रृंगार आदि अर्पित करें। मां को जल अर्पित करके दुर्गा चालीसा व दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
मां कात्यायनी का भोग- मां कात्यायनी को शहद या हलवे का भोग लगाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन सुखद होता है और घर में धन-धान्य का आगमन होता है।
मां कात्यायनी का प्रिय रंग- मां कात्यायनी का प्रिय रंग लाल है। मान्यता है कि इस दिन लाल रंग के वस्त्र धारण करना शुभ होता है।

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