BJP MP ramesh bidhuri statement
नई दिल्ली। मुस्लिम जनसंख्यया को लेकर बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने एक विवादास्पद बयान दिया है। बीजेपी सांसद ने कहा कि जहां भी मुस्लिम अल्पसंख्यक होते हैं वहां तो मानवाधिकारों की बात की जाती है। लेकिन जहां ये बहुमत में आ जाते हैं वहां हिंसा और खूनखराबा शुरू हो जाता है। बीजेपी सांसद ने दिल्ली में आरएसएस के कार्यक्रम में यह बात कही।
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी सांसद ने कहा कि जहां भी मुस्लिम समुदाय अल्पसंख्यक रहता है, वहां मानवाधिकारों की बात होती है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अल्पसंख्यकों के अधिकारों की बात करते हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी 26% से घटकर 2.5% कैसे पहुंच गई।
बीजेपी सांसद ने कहा कि जो लोग केरल और जेएनयू में देश के टुकड़े-टुकड़े होने के नारे लगाते हैं उनकी रगों में भारत का खून नहीं दौड़ रहा है। ऐसे लोगों की रगों में बाबर और औरंगजेब का खून दौड़ता है। रमेश बिधूड़ी ने जामिया और शाहीन बाग का जिक्र करते हुए देश के खिलाफ नारे लगाने वालों को इसी मानसिकता का प्रतीक बताया।
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इसी कार्यक्रम में बीजेपी के राज्यसभा सांसद और शिक्षा से जुड़ी संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे ने कहा है कि 1921 में मालाबार में हुए नरसंहार की घटना को पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए। विनय सहस्रबुद्धे ने कहा कि शिक्षा से जुड़ी संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष होने के नाते वो पिछले कई महीनों से पाठ्यक्रमों की समीक्षा करने का ही काम कर रहे हैं और उनका मानना है कि देश की नई पीढ़ी को मालाबार नरसंहार का सच जानना चाहिए। भगत सिंह, रानी लक्ष्मीबाई जैसे भारत के महान सपूतों के बारे में पूरी जानकारी मिलनी चाहिए।
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कार्यक्रम में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा और आरएसएस के वरिष्ठ नेता और प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे नंदकुमार ने मांग की कि 100 साल पहले हिंदुओं का नरसंहार करने वालों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बताकर भगत सिंह से तुलना कर महिमामंडित करने का प्रयास बंद किया जाए। साथ ही नरसंहार करने वाले लोगों के परिवारों को जो पेंशन दी जा रही है उसे बंद किया जाए।