मुंबई, 30 मई (भाषा) मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में इस समय 40 मंजिल से भी ऊंची कुल 154 इमारतें मौजूद हैं और वर्ष 2030 तक शहर में 200 से अधिक गगनचुंबी इमारतें बनने की उम्मीद है। एनारॉक ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है।
संपत्ति सलाहकार फर्म एनारॉक के मुताबिक, गगनचुंबी इमारतों के विकास से शहर में भीड़भाड़ कम करने में मदद मिलती है। इन इमारतों में एक ही जगह पर सुविधाएं एवं रिहाइश दोनों होने से निवासियों को बाहर निकलने की कम जरूरत पड़ती है जिससे यातायात की भीड़भाड़ भी कम होती है।
रिपोर्ट कहती है कि दक्षिण-मध्य मुंबई में सबसे अधिक 103 ऊंची इमारतें हैं। इनमें से कम से कम 61 टावर बनकर तैयार हो चुके हैं जबकि अगले छह साल में 42 नए टावर बनकर तैयार हो जाएंगे।
मुंबई के मध्यवर्ती उपनगरों में 40 से ज्यादा मंजिल वाली 87 ऊंची इमारतें हैं। इनमें से 42 पूरी हो चुकी हैं और 45 इमारतें निर्माणाधीन हैं।
शहर के पश्चिमी उपनगरों में 80 ऊंची इमारतें हैं, जिनमें से 50 टावर बनकर तैयार हैं। वहीं ठाणे में कम से कम 61 ऊंची इमारतें हैं, जिनमें से सिर्फ दो टावर ही अभी बनकर तैयार हो सके हैं।
नवी मुंबई में कुल 25 ऊंची इमारतें हैं जिनमें से 10 बनकर तैयार हैं जबकि 15 निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं।
एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ‘‘गगनचुंबी इमारतें मुंबई के रियल एस्टेट परिदृश्य का पर्याय हैं। निर्माण के लायक जमीन की बेहद कमी होने के अलावा इस शहर का ऊंचा शहरी सौंदर्य भी इसकी आर्थिक शक्ति का एक प्रतीक बन गया है।’’
निर्माण फर्म बीसीडी के प्रबंध निदेशक अंगद बेदी ने रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘हम मुंबई रियल एस्टेट बाजार को लेकर काफी आशावादी हैं क्योंकि यह लगातार लोगों को आकर्षित कर रहा है। ऊंची इमारतों वाली परियोजनाओं की बाढ़ न्यूयॉर्क और हांगकांग की तर्ज पर वैश्विक महानगरीय शहर बनने की मुंबई की यात्रा को गति देगी।’’
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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