सोलहवें वित्त आयोग ने कर हस्तांतरण फॉर्मूले पर मांगी जनता से राय

सोलहवें वित्त आयोग ने कर हस्तांतरण फॉर्मूले पर मांगी जनता से राय

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  • Publish Date - May 8, 2024 / 06:14 PM IST,
    Updated On - May 8, 2024 / 06:14 PM IST

नयी दिल्ली, आठ मई (भाषा) सोलहवें वित्त आयोग ने बुधवार को कर हस्तांतरण फार्मूला और राज्यों की समेकित निधि बढ़ाने के उपायों जैसे बिंदुओं पर आम जनता और संगठनों से विचार आमंत्रित किए।

अरविंद पनगढ़िया की अध्यक्षता में 16वें वित्त आयोग का गठन 31 दिसंबर, 2023 को किया गया था। पूर्व व्यय सचिव अजय नारायण झा, सेवानिवृत्त नौकरशाह एनी जॉर्ज मैथ्यू और अर्थशास्त्री मनोज पांडा इसके पूर्णकालिक सदस्य हैं जबकि एसबीआई समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष अंशकालिक सदस्य हैं।

आयोग 31 अक्टूबर, 2025 तक अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंप देगा। इसकी अनुशंसाएं एक अप्रैल, 2026 से शुरू होकर अगले पांच साल के लिए लागू होंगी।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, ‘‘16वां वित्त आयोग आम जनता, इच्छुक संगठनों और व्यक्तियों से आयोग के लिए निर्दिष्ट संदर्भ की शर्तों के साथ अपनाए जा सकने वाले सामान्य दृष्टिकोण पर सुझाव एवं विचार आमंत्रित करता है। इसके अलावा 16वें वित्त आयोग के कामकाज से संबंधित किसी अन्य मुद्दे पर भी विचार आमंत्रित किए जाते हैं।’’

सुझाव 16वें वित्त आयोग की वेबसाइट फिनकॉमइंडिया.एनआईसी.इन के जरिये दिए जा सकते हैं।

केंद्र और राज्यों के बीच कर हस्तांतरण और राजस्व वृद्धि के उपायों का सुझाव देने के अलावा आयोग आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत गठित कोष से संबंधित आपदा प्रबंधन पहल के वित्तपोषण की मौजूदा व्यवस्था की समीक्षा भी करेगा।

वित्त आयोग एक संवैधानिक निकाय है जो केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीय संबंधों पर अपनी सिफारिशें देता है। आयोग के सुझाव पांच साल की अवधि के लिए लागू होते हैं।

एन के सिंह के नेतृत्व वाले 15वें वित्त आयोग ने सिफारिश की थी कि 2021-22 से 2025-26 की अवधि में राज्यों को केंद्र के विभाज्य कर पूल का 41 प्रतिशत दिया जाए। इसके पहले वाई वी रेड्डी की अगुवाई वाले 14वें वित्त आयोग ने भी इसी अनुपात की सिफारिश की थी।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय