देश के 17 राज्यों ने 'वन नेशन-वन राशन कार्ड' प्रणाली को लागू किया | 17 states in the country implement 'One Nation-One Ration Card' system

देश के 17 राज्यों ने ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ प्रणाली को लागू किया

देश के 17 राज्यों ने 'वन नेशन-वन राशन कार्ड' प्रणाली को लागू किया

देश के 17 राज्यों ने ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’  प्रणाली को लागू किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:44 pm IST
Published Date: March 11, 2021 2:04 pm IST

नयी दिल्ली, 11 मार्च (भाषा) वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि 17 राज्यों ने ‘एक देश- एक राशन कार्ड’ प्रणाली को लागू कर दिया है। इस योजना से जुड़ने वाले राज्यों में सबसे ताजा नाम उत्तराखंड का है।

एक देश- एक राशन कार्ड प्रणाली जैसे महत्वपूर्ण सुधार को पूरा करने वाले राज्य अपने सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.25 प्रतिशत तक अतिरिक्त उधार के पात्र बन जाते हैं। इस प्रणाली के तहत राशनकार्ड धारक देश में कहीं भी राशन की दुकान से अपने हिस्से का राशन ले सकते हैं।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, तदनुसार, इन राज्यों को व्यय विभाग द्वारा 37,600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधार लेने की अनुमति दी गई है।

वन नेशन-वन राशन कार्ड यानी एक राष्ट्र- एक राशन कार्ड प्रणाली के कार्यान्वयन से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं, विशेष रूप से प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों को, पूरे देश में कहीं भी उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) पर लाभार्थियों को राशन की उपलब्धता सुनिश्चित होती है।

ये सुधार विशेष रूप से प्रवासी आबादी को ज्यादातर मजदूरों, दैनिक भत्ता लेने वाले श्रमिकों, कूड़ा हटाने वाले, सड़क पर रहने वाले, संगठित और असंगठित क्षेत्रों में अस्थायी कामगार, घरेलू श्रमिकों आदि को खाद्य सुरक्षा के संदर्भ में सशक्त बनाता है, जो अक्सर कामकाज के लिए अपने मूल राज्य से दूसरे राज्यों में जाते हैं।

यह प्रौद्योगिकी-चालित सुधार प्रवासी लाभार्थियों को देश में कहीं भी अपनी पसंद के उचित इलेक्ट्रॉनिक मूल्य की बिक्री (ई-पीओएस) से खाद्यान्न का कोटा प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।

कोविड -19 महामारी के बाद पैदा हुई कई चुनौतियों से निपटने के लिए संसाधन की आवश्यकता के मद्देनजर, भारत सरकार ने 17 मई, 2020 को राज्यों की उधार सीमा को उनके जीएसडीपी के दो प्रतिशत तक बढ़ा दिया था।

इस विशेष वितरण का आधा (जीएसडीपी का एक प्रतिशत) राज्यों द्वारा नागरिक केंद्रित सुधारों से जुड़ा था। व्यय विभाग द्वारा चिन्हित सुधारों के लिए चार नागरिक केंद्रित क्षेत्र थे – वन नेशन-वन राशन कार्ड प्रणाली का कार्यान्वयन; व्यवसाय सुधार करने में आसानी; शहरी स्थानीय निकाय एवं उपयोगिता सुधार; और बिजली क्षेत्र में सुधार।

भाषा राजेश राजेश महाबीर

महाबीर

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