चंडीगढ़, 11 जून (भाषा) हरियाणा की सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा है कि सिंचाई विभाग की विभिन्न परियोजनाओं में उपयोग की गई निर्माण सामग्री के 48 नमूनों में से 18 गुणवत्ता परीक्षण में विफल रहे। इन खामियों के लिए 80 अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किये गये हैं।
उन्होंने कहा कि निर्माण सामग्री की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मंत्री ने कहा कि सिंचाई विभाग की विभिन्न परियोजनाओं में उपयोग की गई निर्माण सामग्री के 48 नमूने एकत्र किए गए, जिनमें से 18 गुणवत्ता परीक्षण में विफल रहे।
उन्होंने कहा, ‘‘परिणामस्वरूप, जूनियर इंजीनियर (जेई) से लेकर मुख्य अभियंताओं सहित 80 अधिकारियों के खिलाफ हरियाणा सिविल सेवा नियमों की धारा सात और आठ के तहत आरोप पत्र दाखिल किये गये हैं… सरकार भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेगी।’’
श्रुति चौधरी ने कहा कि कुछ परियोजनाएं पूरी होने वाली हैं, यह एक ऐसा चरण है, जहां अधिकारियों की जवाबदेही काफी बढ़ जाती है। बार-बार शिकायतों के बाद विभाग की सतर्कता इकाई ने छापेमारी की और नमूने लिए।
उन्होंने कहा कि ठेकेदारों को काफी राशि का भुगतान किया जा चुका है। ठेकेदारों से राशि वसूलने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।
मंत्री ने किशाऊ बांध परियोजना के बारे में कहा कि यह राष्ट्रीय स्तर की परियोजना है और हरियाणा के लिए इसका बहुत महत्व है। इस बांध के माध्यम से राज्य को सिंचाई और पीने के लिए पानी मिलेगा।
भाषा रमण अजय
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