नयी दिल्ली, सात अक्टूबर (भाषा) राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने शनिवार को दोहराया कि ऑनलाइन गेमिंग और कैसिनो पर शुरू से ही 28 फीसदी जीएसटी लागू था।
गौरतलब है कि दिल्ली और गोवा जैसे राज्यों ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और कैसीनो पर पिछली तारीख से कर की मांग का मुद्दा उठाया है।
मल्होत्रा ने जीएसटी परिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ”कुछ सदस्यों ने पिछली तारीख से कराधान का मुद्दा उठाया। उन्हें बताया गया कि यह पिछली तारीख से लागू नहीं किया गया है, बल्कि यह पहले से ही कानून में था। ये देनदारियां पहले से ही मौजूद थीं, क्योंकि ये आनलाइन गेम दांव लगाकर खेले जाते थे… दांव या जुए के चलते इन पर पहले से ही 28 प्रतिशत जीएसटी लग रहा था।”
52वीं जीएसटी परिषद की बैठक में दिल्ली और गोवा ने ई-गेमिंग कंपनियों और कैसिनो पर कर मांग का मुद्दा उठाया।
दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को पिछले छह वर्षों के लिए 28 प्रतिशत की उच्च दर पर कर नोटिस भेजे जा रहे हैं, जबकि 28 प्रतिशत जीएसटी एक अक्टूबर को लागू किया जाना था।
आतिशी ने कहा, ”एक उद्योग जिसका राजस्व 23,000 करोड़ रुपये है, आप 1.5 लाख करोड़ रुपये का कर नोटिस दे रहे हैं… यह उद्योग को खत्म करना है। यह भारतीय स्टार्टअप परिवेश में असुरक्षित निवेश माहौल को दर्शाता है।”
मल्होत्रा ने आगे कहा कि दिल्ली और गोवा जैसे कुछ राज्यों ने कथित कर चोरी के लिए जीएसटी नोटिस पाने वाली ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों का मुद्दा उठाया।
छत्तीसगढ़ के उप-मुख्यमंत्री और जीएसटी परिषद के सदस्य टी एस सिंह देव ने कहा कि “इन कंपनियों पर पिछली तारीख से लगने वाले शुल्क (कर मांग नोटिस) पर चर्चा हुई। चूंकि डीजीजीआई एक स्वतंत्र संस्था है, इसलिए इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। (जीएसटी परिषद की) चेयरपर्सन ने कहा कि यदि जरूरत हुई तो वह डीजीजीआई को स्पष्टीकरण उपलब्ध कराएंगी।”
भाषा पाण्डेय
पाण्डेय
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