Accenture Q1 released first quarter results
Accenture Q1 released first quarter results: एसेंचर की पहली तिमाही के नतीजों के बाद घरेलू आईटी क्षेत्र पर नजर रखने वाले कई विश्लेषकों ने आईटी कंपनियों के आउटलुक को लेकर थोड़ा सतर्क हो गए हैं। डबलिन-आधारित फर्म ने एक मजबूत Q1 परिणाम (सितंबर-नवंबर तिमाही) दिया, जिसमें राजस्व वृद्धि इसके मार्गदर्शन के ऊपरी छोर से अधिक रही। Q2 के लिए टिप्पणी भी मजबूत थी, लेकिन IT फर्म ने अपने FY23 राजस्व मार्गदर्शन में वृद्धि नहीं की।
बता दें कि टेक जायंट एसेंचर ने वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही का रिजल्ट जारी किया है। कंपनी का प्रदर्शन अनुमान से बेहतर रहा है। उसकी रिपोर्ट को विस्तार से समझने से पहले यह जान लें कि कंपनी का फाइनेंशियल ईयर सितंबर से अगस्त के बीच चलता है। मतलब 2022 सितंबर से नए वित्त वर्ष की शुरुआत हुई जो अगस्त 2023 में खत्म होगी और पहली तिमाही सितंबर-नवंबर 2022 हुआ।
कंपनी ने इसी तिमाही का रिजल्ट जारी किया है। रेवेन्यू में सालाना आधार पर 15 फीसदी का उछाल आया है। डॉलर के आधार पर यह ग्रोथ 5.2 फीसदी रहा है। पहली तिमाही का रेवेन्यू 15.7 बिलियन डॉलर रहा। एसेंचर का रिजल्ट भारतीय IT कंपनियों के लिए बहुत बड़ा संकेतक है। कंपनी के लाखों एंप्लॉयी भारत में रहकर काम करते हैं। इसलिए आईटी सेक्टर आउटलुक को लेकर यह रिजल्ट अहम होता है।
इन्फोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेजे, विप्रो, HCL जैसी भारतीय टेक कंपनियां जनवरी में अक्टूबर-दिसंबर तिमाही (Q3) का रिजल्ट जारी करेंगी। एसेंचर के रिजल्ट से बहुत कुछ पता चल जाता है। Accenture ने दूसरी तिमाही यानी (दिसंबर-फरवरी 2023) के लिए जो गाइडेंस जारी किया है, वह बाजार के अनुमान से कमजोर है। उसका अनुमान है कि दूसरी तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 15.20 बिलियन डॉलर से 15.75 बिलियन डॉलर रह सकता है। तिमाही आधार पर इसमें गिरावट आएगी यहा यह फ्लैट रह सकता है।
Accenture Q1 released first quarter results: Accenture Q1 रिजल्ट के बाद इंडियन आईटी कंपनियों को लेकर ग्लोबल ब्रोकरेज ने अपनी-अपनी रिपोर्ट जारी की है। CLSA ने कहा कि एसेंचर ने पहली बार स्वीकार किया कि ग्लोबल फैक्टर्स के कारण उसके स्ट्रैटेजी और कंसल्टिंग बिजनेस पर असर हुआ है। इंडियन आईटी कंपनियों में उसकी पसंद Infosys, TCS, HCL और LTIMindtree बना रहेगा।
नोमुरा ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में एसेंचर ने 8-11 फीसदी का डिमांड ग्रोथ का अनुमान लगाया है जो मांग में कमी को दर्शाता है। डिमांड आउटलुक कमजोर है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए रेवेन्यू ग्रोथ में और गिरावट संभव है। अगली कुछ तिमाही में इंडियन आईटी कंपनयों में एट्रिशन रेट में कमी आएगी। ब्रोकरेज ने लार्ज कैप में Infosys और मिडकैप्स में Persistent पर दांव लगाया है।