नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) ने कहा है कि फॉरेंसिक ऑडिट और जांच मानकों में किसी विशिष्ट स्थिति से निपटने के लिए ‘पर्याप्त लचीलापन’ है। इससे वित्तीय संस्थानों द्वारा किए जाने वाले फॉरेंसिक ऑडिट में एकरूपता सुनिश्चित होगी।
चार्टर्ड अकाउंटेंट के शीर्ष निकाय आईसीएआई ने 13 फॉरेंसिक लेखा एवं जांच मानक (एफएआईएस) जारी किए हैं। इसके अलावा तीन अतिरिक्त अति महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं। इन्हें संस्थान के डिटिजल अकाउंटिंग एंड एश्योरेंस बोर्ड ने जारी किया है।
आईसीएआई के अध्यक्ष निहार एन जम्बूसरिया ने पीटीआई-भाषा से कहा कि आठ और मानदंड अभी पाइपलाइन में हैं।
फॉरेंसिक ऑडिट संस्थानों विशेषरूप से बैंकों की वित्तीय सेहत और ऋण पोर्टफोलियो के आकलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह पूछे जाने पर कि क्या इन मानकों से बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के फॉरेंसिक ऑडिट में एकरूपता सुनिश्चित होगी, जम्बूसरिया ने हां में जवाब दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से इससे बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के फॉरेंसिक ऑडिट में एकरूपता सुनिश्चित होगी। इससे कुल मिलाकर इस व्यवस्था की गुणवत्ता सुधरेगी।’’
उन्होंने कहा कि एफएआईएस एक प्रकार की न्यूनतम आवश्यकता है जो कि आईसीएआई के सभी सदस्यों पर लागू होगी।
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अजय महाबीर
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