एआई से गन्ना उत्पादन में 30 प्रतिशत वृद्धि होने की संभावना: विशेषज्ञ

एआई से गन्ना उत्पादन में 30 प्रतिशत वृद्धि होने की संभावना: विशेषज्ञ

एआई से गन्ना उत्पादन में 30 प्रतिशत वृद्धि होने की संभावना: विशेषज्ञ
Modified Date: June 11, 2025 / 10:23 am IST
Published Date: June 11, 2025 10:23 am IST

छत्रपति संभाजीनगर (महाराष्ट्र), 11 जून (भाषा) गन्ने की खेती में कृत्रिम मेधा (एआई) के इस्तेमाल से पानी की जरूरत के 50 प्रतिशत तक कम होने और प्रति एकड़ उत्पादन में करीब 30 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है। इस क्षेत्र के एक विशेषज्ञ ने बुधवार को यह बात कही।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में पुणे में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार और पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार की उपस्थिति में एक बैठक हुई थी, जिसमें गन्ने की खेती में एआई के उपयोग पर चर्चा की गई थी।

महाराष्ट्र राज्य सहकारी चीनी कारखाना संघ लिमिटेड के निदेशक जयप्रकाश दांडेगांवकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ माइक्रोसॉफ्ट ने गन्ने की खेती के लिए एआई के इस्तेमाल पर लंबे समय से काम किया है और गन्ने के उत्पादन में 30 प्रतिशत की वृद्धि और पानी के इस्तेमाल (इसकी खेती में) को आधे तक कम करने का आश्वासन दिया है। इससे चीनी मिलों को लंबे समय (110 दिन से अधिक) तक चलाने में मदद मिलेगी और घाटा भी कम होगा।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘ महाराष्ट्र की 40 (23 सहकारी और 17 निजी) चीनी मिल, जिन पर वीएसआई का कोई ऋण बकाया नहीं है उन्हें इस परियोजना (गन्ने की खेती में एआई के उपयोग) में शामिल किया जाएगा।’’

दांडेगांवकर ने बताया कि शुरुआत में एक किसान को 25,000 रुपए रुपये की जरूरत पड़ सकती है। यह प्रौद्योगिकी.. पूर्वानुमान, मृदा परीक्षण, सिंचाई ‘अलर्ट’, कीटनाशकों के इस्तेमाल को सीमित करने और मिट्टी की गुणवत्ता की सुरक्षा पर काम करेगी।

उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में गन्ने की पैदावार में कमी आई है।

दांडेगांवकर ने कहा, ‘‘ कम बारिश के कारण राज्य में प्रति एकड़ उत्पादन घटकर 73 टन रह गया है। एआई के इस्तेमाल से हम निकट भविष्य में कम से कम 150 टन प्रति एकड़ उत्पादन तक पहुंच सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ किसानों को इसके लिए (सिंचाई के लिए) अपने खेतों में ‘ड्रिप’ लगाने की जरूरत है। हम उम्मीद कर सकते हैं कि अगस्त के अंत तक या सितंबर के पहले सप्ताह तक इस तरह का पहला स्टेशन (स्वचालित एआई सुविधा) स्थापित एवं चालू हो जाएगा।’’

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा


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