एआई से विनिर्माण, खुदरा, शिक्षा क्षेत्र की 1.8 करोड़ नौकरियां 2030 तक प्रभावित होंगीः रिपोर्ट

एआई से विनिर्माण, खुदरा, शिक्षा क्षेत्र की 1.8 करोड़ नौकरियां 2030 तक प्रभावित होंगीः रिपोर्ट

एआई से विनिर्माण, खुदरा, शिक्षा क्षेत्र की 1.8 करोड़ नौकरियां 2030 तक प्रभावित होंगीः रिपोर्ट
Modified Date: July 30, 2025 / 10:04 pm IST
Published Date: July 30, 2025 10:04 pm IST

मुंबई, 30 जुलाई (भाषा) एजेंटिक कृत्रिम मेधा (एआई) का चलन बढ़ने से अगले पांच वर्षों के भीतर विनिर्माण, खुदरा और शिक्षा क्षेत्रों की करीब 1.8 करोड़ नौकरियां प्रभावित हो सकती हैं। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह आशंका जताई गई।

‘सर्विसनाउ’ की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2030 तक एआई से उपजे व्यापक व्यवधान का सर्वाधिक प्रभाव विनिर्माण क्षेत्र पर पड़ेगा जहां 80 लाख नौकरियां प्रभावित होंगी।

इसके मुताबिक, अगले पांच साल में खुदरा क्षेत्र में 76 लाख और शिक्षा क्षेत्र में 25 लाख नौकरियों के भी इस बदलाव की चपेट में आने की आशंका है।

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रिपोर्ट कहती है कि चेंज मैनेजर और पेरोल क्लर्क जैसे उच्च-स्वचालन वाले पदों पर एआई एजेंट के काम संभालने से उनकी भूमिका बदल रही है। वहीं, क्रियान्वयन सलाहकार और प्रणाली प्रशासक जैसे पदों पर एआई के साथ साझेदारी बढ़ रही है।

सर्विसनाउ इंडिया टेक्नोलॉजी एंड बिजनेस सेंटर के प्रबंध निदेशक सुमित माथुर ने कहा कि एजेंटिक एआई की वजह से वर्ष 2030 तक नवीन प्रौद्योगिकी वाली 30 लाख नौकरियां सृजित होंगी जबकि 1.35 करोड़ से अधिक भूमिकाओं को नए सिरे से परिभाषित किया जाएगा।

माथुर ने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में भारत के पास एआई के लिए तैयार प्रतिभा विकसित कर वैश्विक नेतृत्व करने का एक पीढ़ीगत अवसर है।’’

रिपोर्ट के लिए 500 से अधिक उद्योग प्रमुखों के बीच कराए गए सर्वेक्षण से पता चला कि भारतीय कंपनियों ने अपने प्रौद्योगिकी बजट का औसतन 13.5 प्रतिशत एआई को अपनाने के लिए आवंटित किया है जबकि एक-चौथाई कंपनियां पहले से ही बदलाव के दौर से गुजर रही हैं।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय


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