हवाई अड्डा परिचालकों के पास ताकत रहने तक एयरलाइंस का वर्चस्व चिंता की बात नहींः जीत अदाणी
हवाई अड्डा परिचालकों के पास ताकत रहने तक एयरलाइंस का वर्चस्व चिंता की बात नहींः जीत अदाणी
मुंबई, 22 दिसंबर (भाषा) अदाणी समूह के हवाई अड्डा कारोबार के निदेशक जीत अदाणी ने कहा है कि विमानन क्षेत्र में एक या दो कंपनियों के वर्चस्व की स्थिति तब तक हवाई अड्डा परिचालकों के लिए चिंता का विषय नहीं है, जब तक उनके पास मोलभाव की पर्याप्त शक्ति बनी रहती है।
हाल में देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो में आए व्यापक परिचालन गतिरोध और फिर हवाई किरायों में हुई तीव्र वृद्धि के बाद भारतीय विमानन उद्योग में दो एयरलाइंस के वर्चस्व को लेकर बहस तेज हो गई है।
इंडिगो घरेलू यात्रियों के करीब 65 प्रतिशत को उड़ान सेवा देती है जबकि एयर इंडिया के पास करीब 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
इस भारतीय विमानन परिदृश्य का हवाई अड्डा परिचालकों पर प्रभाव के बारे में सवाल पूछे जाने पर अदाणी ने कहा, “हमारे लिए यह चिंता का विषय नहीं है। दो एयरलाइंस का वर्चस्व तभी समस्या बनता है, जब आपके पास मोलभाव करने की ताकत न हो।”
उन्होंने कहा कि एयरलाइन और हवाई अड्डा दोनों अलग-अलग तरह के व्यवसाय हैं और इस वजह से दोनों पक्षों के बीच संतुलित बातचीत की स्थिति बनी रहती है, चाहे बाजार में एक एयरलाइन का दबदबा हो या दो एयरलाइंस का।
पिछले एक दशक में जेट एयरवेज, किंगफिशर और गो फर्स्ट एयरलाइंस के बंद होने और एयर एशिया इंडिया का एयर इंडिया एक्सप्रेस एवं विस्तारा का एयर इंडिया में विलय होने के बाद देश के विमानन क्षेत्र में द्वैध-अधिकार वाली स्थिति बनी है।
वर्तमान में इंडिगो और एयर इंडिया समूह का घरेलू विमानन बाजार के 90 प्रतिशत से अधिक हिस्से पर नियंत्रण है।
अदाणी समूह इस समय मुंबई समेत सात हवाई अड्डों का संचालन करता है। समूह द्वारा विकसित नवी मुंबई हवाई अड्डे पर 25 दिसंबर से वाणिज्यिक संचालन शुरू होने वाला है।
मुंबई जैसे बड़े एवं व्यस्त हवाई अड्डों पर उड़ानों के लिए निर्धारित समय का आवंटन एयरलाइंस के लिए बड़ी चुनौती है।
मुंबई और दिल्ली हवाई अड्डों पर ‘उपयोगकर्ता विकास शुल्क’ (यूडीएफ) से जुड़े 50,000 करोड़ रुपये के कथित बकाये पर दूरसंचार विवाद निपटान एवं अपीलीय न्यायाधिकरण (टीडीसैट) के आदेश पर अदाणी ने कहा कि यह मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है।
इसके साथ ही अदाणी ने स्पष्ट किया कि समूह ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगा, जिससे उद्योग को कोई नुकसान पहुंचे।
भाषा प्रम
प्रेम अजय
अजय

Facebook



