मोटे अनाजों की खपत, उत्पादन बढ़ाने में सहयोग दें आसियान के सदस्य : तोमर

मोटे अनाजों की खपत, उत्पादन बढ़ाने में सहयोग दें आसियान के सदस्य : तोमर

मोटे अनाजों की खपत, उत्पादन बढ़ाने में सहयोग दें आसियान के सदस्य : तोमर
Modified Date: November 29, 2022 / 08:00 pm IST
Published Date: October 26, 2022 8:31 pm IST

नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर (भाषा) अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को आसियान के सदस्य देशों से भारत के मोटे अनाज के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन और खपत में वृद्धि करने के प्रयासों का समर्थन करने का आग्रह किया। मोटा अनाज वर्ष 2023 में मनाया जाएगा।

कृषि और वानिकी पर सातवीं आसियान-भारत मंत्रिस्तरीय बैठक (एआईएमएमएएफ) में तोमर ने कहा कि भारत लोगों के स्वास्थ्य और पोषण के लिए मोटे अनाज या पौष्टिक अनाज उत्पादों को बढ़ावा दे रहा है।

एक सरकारी बयान में कहा गया, ‘‘तोमर ने आसियान के सदस्य देशों से मोटे अनाज के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन और खपत को बढ़ाने में भारत के प्रयासों का समर्थन करने का आग्रह किया।’’

 ⁠

बैठक में सदस्य देशों ने आसियान-भारत सहयोग (वर्ष 2021-2025) की मध्यावधि कार्ययोजना के तहत विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों के कार्यान्वयन में हुई प्रगति की समीक्षा की। बैठक में आसियान-भारत संबंधों की 30वीं वर्षगांठ का भी स्वागत किया गया।

अपनी उद्घाटन संबोधन में तोमर ने इस क्षेत्र में कृषि विकास के लिए सतत और समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का संघ) के साथ पारस्परिक रूप से घनिष्ठ क्षेत्रीय सहयोग पर भी जोर दिया।

बैठक में कृषि और वानिकी में आसियान-भारत सहयोग की प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई।

बयान में कहा गया, ‘‘बैठक में कहा गया कि आसियान और भारत के लिए सुरक्षित और पौष्टिक कृषि उत्पादों की निर्बाध आवाजाही को सुनिश्चित करके कोविड-19 महामारी के अभूतपूर्व प्रभाव को कम करने के लिए सुधारात्मक उपायों के कार्यान्वयन को आसियान-भारत सहयोग के तहत निरंतर उपाय करना आवश्यक है।’’

बैठक की सह-अध्यक्षता करने वाले तोमर ने खाद्य सुरक्षा, पोषण, जलवायु परिवर्तन अनुकूलन, डिजिटल खेती, प्रकृति के अनुकूल कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, मूल्य श्रृंखला, कृषि विपणन और क्षमता निर्माण में आसियान के साथ भारत के सहयोग को बढ़ाने के लिए भी प्रतिबद्धता जताई।

बैठक में ब्रुनेई दारुस्सलाम, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यामां, फिलिपीन, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम के कृषि मंत्रियों ने भाग लिया।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय


लेखक के बारे में